रविवार, दिसंबर 21, 2008

दीवार से टकराना और टकरा के आगे बढने की कला !!!

सावधान: ये एक लम्बी और बडे कष्ट (३६ किमी दौडने) के बाद लिखी गयी पोस्ट है ।

लम्बी दौडों, साईकलिंग और लम्बी तैराकी में एक प्रक्रिया होती है जिसे "दीवार से टकराना कहते हैं" (Hitting the Wall) | दीवार से टकराने का वैज्ञानिक कारण है । आपका शरीर ग्लूकोज को ग्लाईकोजन के रूप में सहेज कर रखता है, इसके अलावा आपके शरीर में वसा भी एकत्रित रहती है जो भी ऊर्जा का एक स्रोत है । जब आप कोई शारीरिक श्रम करते हैं तो उस श्रम को करने के लिये ऊर्जा ग्लाईकोजन अथवा वसा से प्राप्त होती है । वसा को ऊर्जा में बदलने की क्रिया बहुत धीमी और क्लिष्ट (Complex) होती है । इसके विपरीत ग्लाईकोजन बडी आसानी से ग्लूकोज में परिवर्तित होता है और तुरन्त ऊर्जा में बदला जा सकता है । इसका सीधा अर्थ हुआ की दौडने की अवस्था में जब शरीर के ऊतकों को तेजी से ऊर्जा की आवश्यकता होती है, आप ग्लाईकोजन पर निर्भर रहते हैं ।

ये सब तो ठीक हुआ लेकिन इसका दीवार से टकराने का क्या सम्बन्ध ? समस्या है कि हमारा शरीर केवल २००० किलो कैलोरी ही ग्लाईकोजन के रूप में संचित कर पाता है । दौडते समय इस २००० किलो कैलोरी को आप (वजन के हिसाब से) १७ मील से २० मील की दूरी में खर्च कर देते हैं । उसके बाद आपके शरीर में अचानक बदलाव आता है । जहाँ आप १८ मील तक बडे आराम से दौड रहे होते हैं, ग्लाईकोजन का टैंक खत्म होते ही शरीर को वसा पर निर्भर होना पडता है और उस समय ऐसा महसूस होता है कि जैसे अचानक चलती कार पर किसी ने ब्रेक लगा दिये हों । कुछ स्थितियों में केवल २०-५० मीटर की दूरी में ही आप दौडने से रूककर पैदल चलने पर मजबूर हो जाते हैं । इस स्थिति को Hitting The Wall कहते हैं ।

अब चूँकि मैराथन २६.२ मील की होती है, आखिरी ६-९ मील सबसे दूरूह होते हैं । कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि मैराथन में २० मील वार्म अप करने के लिये होते हैं और असली दौड आखिरी ६.२ मील की होती है । पिछले तीन हफ़्तों में मैने इस दीवार को स्वयं अनुभव किया । हमने २५ किमी (१५.६ मील) की एक दौड दौडी और हंसते हंसते इसे पूरा किया और लगा कि हम अब मैराथन के लिये पूरी तरह तैयार हैं । लेकिन उसके बाद २५ से ३६ किमी की दौडों में इस दीवार ने खूब छकाया । आज इस पोस्ट को लिखने से पहले सुबह ३६ किमी दौडकर आये हैं और ३० किमी के बाद ऐसा लगा कि अचानक पैरों पर कोई डंडे से जोर जोर से पिटाई करने लगा हो ।

चलिये ये सब तो ठीक है लेकिन इस दुष्ट दीवार से बचा कैसे जाये ? इसका इलाज है कार्बो लोडिंग (Carb Loading) | आप ३० किमी से लम्बी दौड वाले हफ़्ते में वसा को कम करके Carbohydrate ज्यादा खायें और जमकर खायें । दौड शुरु होने से पहले Liquid Carbohydrate Drinks का सेवन करें क्योंकि दौड से तुरन्त पहले ठोस पदार्थ खाने का मतलब है दौड के दौरान पेट में हिमेश रेशमिया का संगीत :-)

इसके अलावा हर ५ वें मील के दौरान Gu Gel का सेवन करें जिससे पूरी दौड में आपको अतिरिक्त ५००-६०० किलो कैलोरी ग्लाईकोजन की आपूर्ति हो सके । और फ़िर आखिरी ३-४ मील अल्लाह/राम/जीजस जिसको भी आप मानते हों कि भरोसे छोड दें ।

सागर भाईजी ने पूछा था कि मैं इस दौड को जीतूँगा तो मुझे क्या ईनाम मिलेगा, तो इसके चलते मैराथन से सम्बन्धित कुछ मजेदार बाते बतायी जायें ।

१) मैं अपनी जिन्दगी में कभी भी मैराथन नहीं जीत सकता । जो धावक मैराथन जीतते हैं उनमें कुछ जन्मजात गुण होते हैं और वो इसकी ट्रेनिंग एक Profession समझ कर करते हैं । इसके विपरीत मैराथन दौडना मेरी रूचि है ।

२) हर मैराथन दौडने वाले के मन में तीन समय होते हैं । पहला समय जो वो सबको बताता है, मेरे लिये ये ३ घंटा ४० मिनट होगा । ये समय वो होता है कि अगर दौड के दौरान थोडी गडबड भी हो जाये तो भी निकल पाये । दूसरा समय होता है जिससे वो सन्तुष्ट होगा लेकिन खुश नहीं, मसलन अगर सब कुछ गडबड हो जाये फ़िर भी कम से कम इस समय में दौड पूरी हो जाये । मेरे लिये ये ४ घंटे का समय होगा । तीसरा समय उसके खुद के लिये होता है, ये वो समय होता है कि अगर सारे सितारे साथ में हो और कोई चोट, खिंचाव, दर्द न उठे तो इस समय में दौड पूरी हो । आमतौर पर ये सीक्रेट होता है क्योंकि जरा सी भी गडबड होने पर ये तुरन्त हाथ से रेत की तरह फ़िसलता जाता है । मेरे लिये ये समय ३ घंटा २८ मिनट से ३ घंटा ३० मिनट के बीच होगा ।

३) अब आपके समय के हिसाब से मैराथन में आपकी श्रेणी इस प्रकार की होती है । अब आप खुद ही देख लें हम कहाँ खडे हैं ।

2:30 or under = Elite runner
2:30-3:00 = Still very fast, would win most smaller marathon
3:00-3:30 = Strong time, top 10-15% of most marathons
3:30-4:00 = Top २0-40% of field
4:00-4:30 = Middle of the pack
4:30-5:00 = Bottom third
5:00 + = Back of the pack

जो भी मैराथन दौडने का संकल्प लेते हैं उनको मैं बहुत इज्जत की नजर से देखता हूँ । जो भी इसको समाप्त करते हैं भले ही इसमें कितना भी समय लगे, उनको मेरा सलाम । कारण है कि अगर आप ३:३० से कम समय में इसको पूरा करते हैं तो आपमें क्षमता है और दौड आपको मुबारक । लेकिन अगर आप इसको ५-६ घंटे में पूरा कर रहे हैं, इसका अर्थ है कि आप केवल अपनी ट्रेनिंग और इच्छाशक्ति के बल पर इस पूरा कर रहे हैं जो बहुत मुश्किल है । क्योंकि किसी भी मैराथन को सिर्फ़ पूरा करने के लिये कम से कम ५ महीने की सम्पूर्ण निष्ठावान ट्रेनिंग चाहिये । जिसमें आप हर हफ़्ते २५-४० मील दौडें और जब आप धीमा दौड रहे हों तो इसको जारी रखना बहुत मुश्किल है जब लोग आसानी से आपसे आगे निकले जा रहे हों ।

लेकिन लोग कहते हैं किसी भी लम्बी दौड को पूरा करने के बाद की स्थिति जिसे Runners High कहते हैं, वो किसी भी नशे से हासिल नहीं की जा सकती है । इसके लिये तो कष्ट करना ही पडेगा, :-)

अन्त में कुछ रोचक तथ्य:

१) मैराथन की उत्पत्ति ग्रीक सभ्यता से जुडी हुयी है जब एक धावक मैराथन के युद्ध में विजय की सूचना लेकर बिना रूके दौडते हुये गया था और सूचना देते ही गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुआ था ।
२) माडर्न मैराथन १८९६ से प्रारम्भ हुयी हैं जिसमे काफ़ी समय तक दूरी निश्चित नहीं थी ।
३) १९०८ लंदन ओलम्पिक में २६.२ मील की दूरी तय हुयी थी । इस अजीब सी २६.२ मील का दूरी इसलिये जिससे दौड शाही महल के सामने खत्म हो सके ।
४) १९१२ के बाद से हम मैराथन २६.२ मील अथवा ४२.१९५ किमी की होती है । लेकिन भीड और दांये/बांये चलने के कारण आप एक सीधी रेखा में नहीं दौड पाते और लगभग २६.४ मील तक दौडते हैं ।
५) एक मैराथन में आप लगभग 65,000-70,000 कदम दौडते हैं ।
६) Elite Marathoners को छोडकर लगभग बाकी लोग अपनी ट्रेनिंग में अधिकतम २२-२४ मील ही दौडते हैं और २६.२ लगातार पूरी ट्रेनिंग में एक ही बार यानि दौड वाले दिन दौडते हैं । इस लिहाज से दौड आपकी ट्रेनिंग का कठिनतम दिन होता है ।
७) मैराथन में अगर आप ठीक ढंग से पानी न पियें अथवा बहुत अधिक पानी पियें तो Under-hydration/Over-hydration से किसी किसी स्थिति में मृत्यु तक हो सकती है । इसके अलावा अगर आपका हृदय कमजोर है तो भी ये आपके लिये खतरनाक हो सकती है, लेकिन मैराथन में मृत्यु होने की प्रायिकता घर के बाहर बिजली गिरने से होनी वाली प्रायिकता अथवा सडक दुर्घटना में मृत्यु होने की प्रायिकता से भी कम है अगर आप ठीक प्रकार से दौडें ।

अन्त में पिछले हफ़्ते ३० किमी वाली दौड के कुछ फ़ोटो, और उसके बाद आराम से पैर की मसाज करवाते समय के फ़ोटो :-)

7 टिप्‍पणियां:

  1. धाँसू जानकारी |
    लगे रहो |

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  2. बहुत बढिया जानकारी!!

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  3. बेनामी7:27 pm

    बड़ी अच्छी-अच्छी जानकारी दी। लगता है हमको भी दौड़ने का काम शुरू करने का प्रयास करना चाहिये। :)

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  4. एक ही सांस में पढ़ डाला.. मस्त बात बतायी है आपने.. :)

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  5. भाई इतनी लाजवाब जानकारी पहली बार मिली है ! अब मैराथान दौडने वाले धावकों की इज्जत मेरी नजर मे बहुत बढ गई है ! सही बताऊं आज तक सौ, दो सौ मीटर फ़र्राटा दौड के शौकीन ही रहे हैं आज आपने हमको मैराथान धावक तो नही पर इसका शौकीन जरुर बना दिया है ! आपके इस लेख का लिंक मैंने अपने बेटे को फ़ार्वर्ड किया है !

    भाई हम तो ह्रुदय की सर्जरी करवाये हुये हैं ! सिर्फ़ brisk waliking तक ही सीमित है अगर आप अपनी अमुल्य राय इस बारे मे हमे दे सके कि इसे कैसे हम वैज्ञानिक ढंग से करना चाहिये तो आपका और भी एहसान होगा !

    राम राम !

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  6. काम की जानकारी।

    मैराथन में २० मील वार्म अप करने के लिये होते हैं और असली दौड आखिरी ६.२ मील की होती है ।
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    हमारे लिये तो जहां २० मील लिखा है वहां ०.२ मील पढ़ें! और दौड़ पूरा करने का क्वैश्चनवै नहीं उठता! :)

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  7. उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ पढ़ते पढ़ते थक गये भाई....

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