आज ज्ञानदत्त पाण्डेयजी के चिट्ठे पर "हैप्योनेर निवेशक बनें" पढा । पहले तो हैप्योनेर का अर्थ ही समझ में नहीं आया, फ़िर लगा कि ज्ञानदत्तजी हमारे जैसे हिन्दी माध्यम में पढाई करने वालों की टांग तो नहीं खींच रहे हैं । अगर स्पेलिंग ही लिख देते तो कुछ समझने की कोशिश करते । फ़िर आगे पढा तो पता चला कि हैप्योनेर (Happionaire) बोले तो "आनन्द से तृप्त" ।
आब्जेक्शन माई लार्ड: शेयर बाजार और आनन्द से तृप्त, कैसी लीला है विरोधाभास की ।
कुछ महीनों पहले जब अमेरिका के शेयर बाजार की वाट लगी हुयी थी तो एक पार्टी में इस बात पर चर्चा होने लगी । एक बुजुर्ग (जिनका पोर्टफ़ोलियो काफ़ी सिकुड चुका था) ने हमसे कहा कि तुम तो जवान हो, ये बडा माकूल समय है शेयर बाजार में पैसा लगाने का । सब कुछ गाजर मूली के दाम पर बिक रहा है, कोई कम्पनी देखो जिसकी नींव (Fundamentals) मजबूत हो, पैसा निवेश करो और फ़िर इसे भूल जाओ । कुछ सालों के बाद हमको दुआयें दोगे । हमने उस समय तो हंसी में टाल दिया कि गरीब विद्यार्थियों के पास कैसा पैसा लेकिन जिस प्रकार कलयुग राजा परीक्षित के सोने के मुकुट में समा चुका था, कुछ कुछ वैसा ही हमारे साथ हुआ ।
पहली बार finance.google.com खोल कर देखा, पता चला दुनिया में बहुत कुछ चल रहा है । फ़िर देखा कि माउस के क्लिक से ही शेयर खरीदे/बेचे जा सकते हैं । मन को समझाया कि केवल देख लो, बाकी पैसा वैसा कहाँ है डालने के लिये । फ़िर कहा कि चला खाता खुलवा लो, कोई जबरदस्ती तो है नहीं कि खरीदना ही पडेगा । वैसे भी खाता तो मुफ़्त खुल रहा है, नो सर्विस चार्ज :-)
२ हफ़्ते निवेश से सम्बन्धित खबरे पढने में गुजारे । मन तो तसल्ली दी कि ये ठीक कर रहे हो, कुछ भी करने से पहले ज्ञान जुटाना बहुत जरूरी है । तुम उन लोगों में से नहीं हो कि किसी ने कुछ कहा और कूद पडे । भले ही लोग न माने लेकिन तुम खुद तो काफ़ी समझदार और औसत बुद्दि तो समझते ही हो । फ़िर कहा कि चलो अपने बैंक से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा तो भिजवा ही दो, मान लो कल कोई अच्छा मौका आया खरीदने का और तुम मुंह देखते रह जाओगे । चलो ये भी करवा लिया, अपनी कठिन मेहनत से बचाये हुये कुछ पैसे (पिताजी न पढ लें, इसलिये बतायेंगे नहीं :-) ) डालकर पहला निवेश किया । Wachovia Coroporation डूब चुकी थी और उसका शेयर अर्श से फ़र्श पर आ चुका था । Wells Fargo ने जब Wachovia को खरीदने की बात की तो उसका मरे हुये शेयर ने फ़र्श से जरा सा लडखडाकर ऊपर की ओर देखा, ठीक इसी समय हमने उसे थाम लिया । अगले हफ़्ते में Wells Fargo से डील पक्की हुयी और हमारा पोर्टफ़ोलियो ३३% के लाभ में हरा-हरा दिख रहा था ।
हमने खुद को शाबाशी दी और कुछ अन्य निवेश किये जो औंधे मुंह गिर पडे । ध्यान रहे कि हमारे हिसाब से ये सारे निवेश So Called दिमाग और Analysis के बाद किये गये थे । लेकिन अब चलते है कुछ महत्वपूर्ण सबक पर जो इन ५-६ महीने में हमने सीखे :
१) कहना आसान है कि पैसा लगाओ कि और Long Term भूल जाओ । जब आप अपनी गाढी कमाई को लाल होते देखते हैं तो बडा दुख होता है ।
२) कहा जाता है कि Buy Low, Sell High । लेकिन अक्सर होता उलटा है ।
३) शेयर खरीदते ही दाम गिरने पर पहला रिऐक्शन होता है "Cost Averaging" | अर्थात अगर आपने १०० शेयर २० के दाम खरीदे और अब दाम १५ है तो अगर आप १०० शेयर और खरीदें तो आपके निवेश की औसत खरीद १७.५ होगी । ये एक खतरनाक Slippery Slope है, इसमें मैने अच्छे अच्छों को फ़िसलते देखा है । हम भी एक बार इसके चक्कर में फ़ंसे लेकिन समय चलते बच निकले ।
४) जब बाजार बूम पर होता है तो पनवाडी की सलाह भी ५०% से ज्यादा सही होती है । लेकिन Recession के समय बाजार सारे सूत्र (Logic, Fundamental, Expectation) भूल जाता है । इस समय यहाँ अमेरिका में तो कम से कम Panic-Driven बाजार है । किसी भी कम्पनी के Fundamentals कितने भी मजबूत हों सब उठापटक में फ़ंसे हुये हैं ।
५) हमने कुछ निवेश Solar Companies में भी किया था । सोचा था कि बराक ओबामा Non-Conventional Energy के बहुत पक्ष में हैं और उनके जीतने की संभावना के चलते ये एक अच्छा निवेश होगा । अफ़सोस गलत जवाब....इस समय अमेरिका में पेट्रोल ६५ रूपये ($१.३५) में ३.७८ लीटर (१ गैलन) मिल रहा है, ऐसे में सोलर का क्या हश्र होगा आप खुद ही सोच लीजिये । लेकिन इस Panic-driven/Manupulative बाजार का कोई भरोसा नहीं । आज जब सब कुछ डाउन है, एक सोलर कम्पनी के शेयर लगभग १२% ऊपर हैं बिना किसी ठोस/सकारात्मक खबर के (इसे आप चित्र में देख सकते हैं) ।
६) इस समय निवेश करने के लिये Nerves और Balls दोनों स्टील की चाहियें, अगर दम हो तो निवेश करो वरना अभी और इन्तजार करो । क्योंकि अगर विशेषज्ञों की माने तो यहाँ अमेरिका के बाजार के होश बजा होने में कम से कम दो साल या और अधिक समय लगेगा । तब तक यूँ ही खटपट चलती रहेगी ।
७) Temptation के मामले में शेयर बाजार बहुत खतरनाक है । हम खुद ही कई बार Tempt हुये लेकिन निवेश के लिये खुद के लिये बनाये गये नियमों को पालन करने की बाध्यता के चलते कई बार इस Temptation से बचे तो अन्त में सही साबित हुआ ।
इसीलिये, चाहे बूम (Boom) हो या Recession अगर निवेश आपका Profession नहीं है तो आप नौसिखिये (Ameteur) ही हैं । निवेश से पहले कुछ नियम बनाईये और इनका पालन कीजिये । कभी भी उधार लेकर पैसा मत लगाईये, और जिस पैसे की आपको निकट भविष्य (१-२ साल) में जरूरत पडने की सम्भावना हो उसे बाजार में निवेश मत कीजिये ।
सोमवार, दिसंबर 29, 2008
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बहुत सधा हुआ लेख लिखा आपने ! यहां आपने
जवाब देंहटाएंTemptation के बचने को लिखा ! आपका यों तो पुरा लेख ही लाजवाब है पर आपने Temptation से बचने की सलाह दी है ! यह सलाह मैं भी मेरे क्लाईन्ट्स को अक्सर देता हू पर यकीन किजिये एक भी नही मानता और इसी की वजह से टेर्मिनल्स पर भीड लगी रहती है ! कोई टोय़लेट जाने को तैयार नही ! फ़िर लुट पिट जाते हैं तो शेयर बाजार को दोष देते हैं !
और इसी का नतिजा है आज हम अकेले बैठे टिपणि लिख रहे हैं कोई भी क्लाईन्ट नही है! :)
रामराम !
बढिया लेख!
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब लेखन। और मैं पूर्णत: सहमत हूं।
जवाब देंहटाएंनीरज, मैं आपसे बहुत इम्प्रेस हुआ इस लेख के माध्यम से। और मैं बहुत उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं आपके लिये!
"अगर निवेश आपका Profession नहीं है तो आप नौसिखिये (Ameteur) ही हैं" शेयर बाजार में सब नौसिखिये ही हैं जो अपने आपको प्रोफेसनल कहता है वो दुसरे के पैसे से खेलता है :-)
जवाब देंहटाएंऔर जो ये कहता है की मेरी सलाह मानो मुझे पता है क्या होने वाला है वो झूठ बोलता है !