ह्यूस्टन के मौसम को जलील कहने के कई कारण हैं । पहला कि यहाँ गर्मी और आद्रता दोनो बहुत रहती है जो हमारे जैसे दौडने वालों की पहली नाराजगी है । दूसरा ये कि यहाँ मौसम ३ दिनों में पूरी पलटी खा लेता है । मसलन सोमवार को टी-शर्ट पहनने वाला दिन था, मंगलवार को हल्की सी ठंड हुयी और बुधवार की सुबह का तापमान शून्य डिग्री । बुधवार को हल्की हल्की बारिश और जबरदस्त हवा चल रही है इसके चलते शून्य डिग्री तापमान -४ जैसा महसूस हो रहा था । मैं नहीं कह रहा ऐसा weather.com वाले कह रहे थे ।
शाम को लैब से निकले और पार्किंग लाट जाने के लिये बस के इन्तजार में थे । अचानक सडक पर कुछ सफ़ेद सा गिरता दिखा । पहले लगा कि मन का भ्रम है लेकिन नजदीक जाकर देखा तो रूई के फ़ोहे सा था जो हाथ लगते ही पिघल गया । ह्यूस्टन में हर ३-४ साल में एक दिन के लिये २५ दिसम्बर के आस पास बर्फ़ गिरती है लेकिन बहुत ही मामूली सी जिसका पता अगले दिन अखबार में चलता है । लिहाजा हमने अपने छाता खोलकर उल्टा किया और बर्फ़ सहेजने लगे, दस मिनट के इन्तजार के बाद जो चित्र बना वो आपके सामने है, :-)
हमने सोचा बस अभी अगले ही मिनट ये बन्द हो जायेगी और ऐसा सोचकर हम व्यायामशाला में Treadmill पर दौडने चले गये । १ घंटा दौडने के बाद, स्नान करके जब बाहर निकले तो देखा कि अभी भी बर्फ़ गिर रही है और अधिक तेजी से गिर रही है । तुरन्त सिर झुका कर ईश्वर को नमस्कार किया । मेरे जीवन में बर्फ़बारी देखने का ये पहला मौका था, इसलिये मेरी हालत एक ७-८ साल के बच्चे जैसी हो गयी थी । मैं बेतहाशा गिरती बर्फ़ में दौडने लगा । छाते को सिर पर रखने की बजाय राज कपूर जी के "प्यार हुआ इकरार हुआ" जैसे स्टाईल में घुमाने लगा और गाना भी गाने लगा । आस पास वाले लोग देखकर हंसने लगे और ताली भी बजाने लगे :-)
इसके बाद दौडते हुये अपनी कार तक पंहुचे तो वो बर्फ़ की चादर में ढक चुकी थी और किसी अनजाने ने उस पर X-Mas 2008, Houston भी अपनी उंगली से उकेर दिया था जिसे आप इस चित्र में देखें । इसके तुरन्त बाद धावक क्लब के अपने मित्रों से मिलने "वलहाला" पंहुचे तो वहाँ भी मस्ती का आलम था । हम लोगों ने थोडी बर्फ़ इकट्ठी करके बर्फ़ का गोल बनाया और "गोला-गोला" खेलने लगे । जिसे आप अगले कुछ चित्रों में देख सकते हैं ।
अभी तक के सारे फ़ोटो सेलफ़ोन से लिये गये थे और अचानक मुझे ख्याल आया कि मेरा कैमरा लैब में रखा हुआ है । तुरन्त आधे मील की दौड लगाकर लैब से कैमरा उठाकर वापिस "वलहाला" आया गया और फ़िर अपने कैमरे से कुछ फ़ोटो और वीडियो बनाये गये जो आप नीचे देख सकते हैं ।
गुरुवार, दिसंबर 11, 2008
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वाह,वाह। बड़े मजे किये। बधाई। फोटो मजेदार लगे।
जवाब देंहटाएंमैं थोडी देर कमरे से बाहर निकला था बर्फ देखने के लिये. मौसम बहुत ठंडा था लेकिन पहली बार बर्फ देखकर ठंड नहीं लगी! हाँ मैं इतना अचंभित था कि फोटो खीँचना ही भूल गया - आपने खींच लिये उसके लिये धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbadhiya hai.. khoob maje kiye aapne.. :)
जवाब देंहटाएंअरे वाह यह तो बहुत आनंद दायक है !
जवाब देंहटाएंयकीन मानिये हमारे शहर मे इस बार अभी तक पंखे चलाने पड रहे हैं ! आज पहली बार आपकी पोस्ट देख कर इस सीजन की कंप कंपी आई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर फ़ोटो ! और सर्दियां आने की याद दिलाने के लिये धन्यवाद !
राम राम !
हाय रे ! यहाँ तो २५ दिसम्बर को भी ऐसे आसार नजर नही आते .......
जवाब देंहटाएंजलिलाता और हसिनपन का अद्भुत संगम चल रहा है :-)
जवाब देंहटाएंबड़ी जलन हो रही है।
जवाब देंहटाएंयहां तो गर्मी और उमस सी लग रही है। दिसंबर के महीने में पसीना आ रहा है। स्वेटर उतार दें तो कहीं जुकाम न हो जाये।
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चित्र बहुत अच्छे हैं।
चलिए आपने बर्फ़बारी का लुफ्त तो उठा लिया, मेरी भी ख्वाहिश है एक दिन शिमला या कश्मीर की बर्बारी का आनंद लेने का,. ऐसे हसीं मौसम का आनंद लीजिये...जनाब, ज़िन्दगी का असली आनद तो बच्चा बनकर ही आता है. तभी तो बच्चे इतने आनंदित रहतें है. तस्वीरें बहुत पसंद आयी . दिन में अगर बर्फ पड़े तो फोटो पोस्ट करियेगा...
जवाब देंहटाएंEverything Under The Sun