मैने पिछली पोस्ट में गाँधीजी आत्मकथा के आडियो की पहली दो कडियाँ पेश की थी । मजे की बात है कि इससे ज्ञानदत्तजी को पुस्तकों की आडियोबुक का विचार आया और मेरी समझ में हम ब्लागर मिलकर इसे मूर्त रूप दे सकते हैं । मेरी आशा से कहीं अधिक टिप्पणियाँ मिली और लोगों ने इस श्रृंखला को जारी रखने को कहा ।
नोट: गाँधीजी की गुजराती आत्मकथा का अंग्रेजी अनुवाद उनके सचिव श्री महादेव देसाई जी ने किया था ।
आज मैं आडियो की तीसरी और चौथी कडियाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
पहली और दूसरी कडियाँ यहाँ सुने:
ये रही तीसरी कडी:
ये रही चौथी कडी:
सोमवार, अप्रैल 14, 2008
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अंग्रेजी 'आत्मकथा' के पाठ में यह भी बताना चाहिए कि मूल गुजराती से अंग्रेजी अनुवाद किनका है। पं. ज्ञानदत्त जैसे कई उसे महात्मा गांधी की अंग्रेजी ही मान कर चलते हैं ।
जवाब देंहटाएंयह पोस्टें तो सन्दर्भ के लिये संजोने वाली हैं।
जवाब देंहटाएंउत्तम कार्य होगा यदि हिन्दी में ऑडियो बुक ले आये.
जवाब देंहटाएंयहां तो फ़ाण्ट ही नही दीख रहा है.
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