शनिवार, अक्तूबर 06, 2007

एक अन्तराल के बाद फ़िर से चिट्ठा लेखन!!!

पिछ्ले लगभग १ महीने से चिट्ठा लेखन बन्द पडा था हालाँकि इस बीच चिट्ठे पढने का कार्य अवश्य चल रहा था । अभी कुछ दिन पहले शास्त्रीजी ने अपनी किसी टिप्पणी में कहा था कि किसी भी सक्रिय चिट्ठे को हफ़्ते में एक बार अवश्य छपना चाहिये । मैं शास्त्रीजी की बात से पूरी तरह सहमत हूँ, और अब सम्भवत: आगे चिट्ठा लेखन करता रहूँगा । ये बताना भी महत्वपूर्ण है कि मुझे अपना चिट्ठा लेखन बीच में क्यों बन्द करना पडा था । इसका मुख्य कारण मेरी (Academic) व्यस्तता और अन्य कार्यों (जैसे एक लम्बी दौड़ की तैयारी में दौड़ना, अन्य समितियों (शोध-कार्य के अतिरिक्त) में अधिक कार्य का होना ) का अचानक आवंटित समय से अधिक समय की माँग करना था ।

अभी अगले ९ दिनों में भारत यात्रा का भी योग है, जिसकी वजह से पुराने अधूरे कार्यों को समाप्त करने का प्रयास चल रहा है अन्यथा छुट्टियों में भी घर से काम करना पडेगा । इसके अतिरिक्त पिछले कुछ दिनों से एक प्रश्न भी मन को विचलित कर रहा था कि मैं क्यों लिखूँ ? मैं अब भी नहीं मानता कि मेरे ब्लाग लेखन से हिन्दी की कुछ सेवा होती है या अलबत्ता मैं हिन्दी की सेवा के प्रयोजन से ब्लाग लिखता हूँ । हिन्दी ब्लाग लेखन और चिट्ठे बाँचना मेरी व्यक्तिगत रूचि है । इसी रूचि के चलते कुछ ऐसे सम्बन्ध भी बने हैं जिन्होनें मेरी सोच को काफ़ी प्रभावित किया है ।

मैं ब्लाग लेखन क्यों करूँ ? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात है तो मैं मुख्यत: विवादित मुद्दों से दूर ही रहता हूँ । अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को बाँटने की बात है तो संगीत के अलावा ऐसे किसी मुद्दे पर मैने अभी तक कुछ लिखा ही नहीं है (तेल/गैस उद्योग पर एक साधारण सी पोस्ट का अपवाद छोडकर) । अगर ब्लाग लेखन को रोजमर्रा के मशीनी जीवन से मुक्ति कहूँ तो उसके लिये भी मैं काफ़ी अन्य गैर-पाठ्यक्रम (Extra-Curriculum) गतिविधियों में संलग्न हूँ । ये सभी बहाने काफ़ी थे एक महीने तक ब्लाग लेखन से विमुख रहने के लिये ।

खैर अब वापिस आये हैं लेकिन आज की पोस्ट में अपनी बक-बक कम और आप लोगों से कुछ सवाल करने हैं ।

१) पहली समस्या है कि भारत में रहकर घर में इन्टरनेट की सुविधा प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ? मेरे पास अपना लैपटाप होगा, घर में एक BSNL की लैंड-लाईन है और मोबाइल भी हैं | इन सब औजारों के साथ क्या और कैसे मिलाया जाये कि इन्टरनेट चालू हो सके | मेरा घर मथुरा में है इसीलिये ब्राड-बैंड अभी वहाँ आया है कि नहीं पक्का नहीं पता | क्या कोई ऐसा सर्विस प्रोवाइडर भी है जिससे केवल एक महीने के लिए इन्टरनेट लिया जा सके ? संभवतः मुझे घर से ही अपने शोध-कार्य के सिलसिले में बड़ी फाइल्स इधर-उधर सरकानी पड सकती हैं, इसीलिये शायद काफी ज्यादा बैंड-विड्थ की जरूरत पडेगी (१ महीने में लगभग १ G.B.)।

२) दूसरा प्रश्न दिल्ली वालों से है। दिल्ली में हिंदी पुस्तकें खरीदने के लिये अपनी मन पसंद जगह बताइये, जहाँ पर सुगमता से अच्छा साहित्य मिल सके |

३) तीसरा प्रश्न आप सभी लोगों से है | अगर आप किसी को हिंदी की दो पुस्तकें खरीदने के लिये कहेंगे तो वो पुस्तकें कौन सी होंगी ?

तो देर किस बात की है, फ़टाफ़ट अपने जवाब हमें १४ अक्टूबर से पहले भेज दीजिये |



9 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी12:02 am

    दिल्ली में हिदी की किताब खरीदने के लिये श्री राम सैंटर या हिन्दी पुस्तक भंडार से खरीद सकते है.

    किताबें सबकी अपनी अपनी पसंद होती है इसे अपनी रुचि के हिसाब से ही खरीदना चाहिये.

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  2. भाई पुन: स्‍वागत है आपका, भारत भ्रमण में यदि छत्‍तीसगढ भी आना हो रहा हो तो हमें सूचित करें । हम प्रयास करेंगे कि आपको प्रमुख साहित्‍यकारों से मिलवायें एवं यहां के साहित्‍य से आपको अवगत कराएं ।

    संजीव

    'आरंभ' छत्‍तीसगढ का स्‍पंदन

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  3. 1. बहुत बढ़िया कि भारत पधार रहे हैं। स्वागत।
    2. इण्टरनेट सुविधा हेतु बीसएनएल सस्ता और ठीक-ठीक सेवा देने वाला है। रुपये 250.- में 1 जीबी बहुत सस्ता है।

    3. दिल्ली में दरियागंज में राजकमल या अंसारी रोड के प्रकाशकों के पास से मेरे लोग खरीद कर लाते रहे हैं।

    4. पुस्तक की रिकमेण्डेशन तो नहीं करूंगा. करने का मन हुआ तो बाद में बता दूंगा।

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  4. यदि घर पर ही रहकर अधिकांश काम करना है तो बीएसएनएल सही विकल्‍प है।

    दिल्‍ली में पुस्‍तकों की दुकान काकेशजी ने बता दी हैं, सही च्‍वाइस है। बाकी विश्‍वविद्यालय की तरु आना हो तो तो वहॉं की दु‍कान यानि USpl. भी अच्‍छी है।

    सिर्फ दो किताबें चुनना तो बहुत ही कठिन होने वाला है। मैं तो शायद निर्मल या अज्ञेय को ही चुनूं।

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  5. पाठकगण अपनी पसंद की कुछ किताबों का नाम बता दें तो नीरज के अलावा मेरा भी फायदा हो जायगा.

    नीरज, स्वागत !! अब नियमित रूप से दिखोगे ऐसा अनुमान है -- शास्त्री जे सी फिलिप

    हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है

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  6. कुछ समय पहले मैंने चिट्ठाकार बन्धु को हिन्दी की कुछ पुस्तकें सुझायी थीं। यह ईमेल मैंने अंग्रेजी में किया था। उसी से कॉपी कर पोस्ट कर रहा हूं। आप चाहें तो इसमें से खरीद सकते हैं।
    1. I enjoyed Shard Candra and have read is every book atleast three times. I did not like DEVDAS but enjoyed PARNITA. I have seen three versions of movie made on the story of Parnita. His books are available separately but Hindi prachrni sabha Varansi has published SHARAD SAMGRA. The printing is not very good but It is cheap.
    2. AWARA MASIHA is biography of Shart Chandra by Vishnu Prabhakar. You will enjoy only if you have read Shart chandra's books. It is then you will be able relate them with his real life.
    3. Anoopurna Devi has written three books that are autobiographical namely: PRATHAM PRATISHUTI, SWARNLATA, and BAKUL KATHA.They are good.
    4. Malti Joshi writes well. She has published many books containg short stories. All of them are very good.
    5. Shivani has written novels as well as short stories. I liked her short stories but not novels.

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  7. पहले प्रश्न के लिए माफ़ करे
    दूसरा प्रश्न - दिल्ली के दरियागंज इलाके मे चले जाइये, मेरे विचार से साहित्य की मॉल रोड है वो जगह ...:-)
    तीसरा प्रश्न - अगर हिन्दी साहित्य से प्रेम रखते है तो - हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा चार खंडों मे प्रकाशित हुई है, वैसे तो चारो ही उत्कृष्ट साहित्य है लेकिन आपने सिर्फ़ दो पूछे है इसलिये मैं कहूँगा पहले २ खंडों के लिए जिनके नाम है " क्या भूलू क्या याद करु" और " नीड़ का निर्माण फिर"

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  8. "मैं ब्लाग लेखन क्यों करूँ " नीरज जी ये बात अक्सर मुझे भी सताती है ,शुरू मे झिझक होती थी कि अपना मन यूं सबके सामने रखना क्या उचित है? मगर सबकी स्नेह भरी टिप्पणीया पाती हूं तो बड़ा अच्छा लगता है और सबसे बड़ी बात की लिखना चह्ती हूं इसलिये लिखती हूं।so आप भी pls keep writing.

    gulzaar kii पुखराज मेरी पसंद की पुस्तक है

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  9. बेनामी9:55 am

    जैनेंद्र कु० जैन का 'जयवर्धन' पढ़ें।

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