गुरुवार, अगस्त 02, 2007

सभी चिट्ठाकारों से HIV सम्बन्धी एक काल्पनिक प्रश्न

मुझे ठीक से याद नहीं है कि ये प्रश्न मेरे सामने कहाँ आया था । लेकिन चूँकि मुझे ये एक अच्छा मनोवैज्ञानिक प्रश्न लगा था इसीलिये आप सभी की राय पूछ रहा हूँ । दूसरा कारण है कि व्यस्तता के कारण कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ तो सोचा कि इस छोटी से पोस्ट के माध्यम से आप सब से बात की जाये । अब काम की बात अर्थात प्रश्न पर आते हैं ।

मान लीजिये कि आपकी सन्तान की आयु १६ से १९ वर्ष के बीच में है । आप उसके लिये कालेज का चुनाव कर रहे हैं । आपको पता चलता है कि जिस कालेज के बारे में आप सोच रहे हैं वहाँ:

१) कालेज में HIV संक्रमित विद्यार्थी (लडके और लडकियाँ) भी पढते हैं ।
२) कालेज प्रशासन उन विद्यार्थियों की संख्या अथवा पहचान गुप्त रखता है ।
३) स्थिति को और वास्तविक बनाने के लिये मान लीजिये कि कालेज में पढने वाले लडके और लडकियाँ के बीच शारीरिक सम्बन्धों की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता ।

आपसे प्रश्न है:

१) क्या आप इस जानकारी के बाद भी अपनी संतान का दाखिला उस कालेज में करायेंगे ?

२) क्या आप कालेज प्रशासन से HIV संक्रमित विद्यार्थियों की संख्या के बारे में बताने को कहेंगे ?

३) अब जिन चिट्ठाकारों की संतान/सम्बन्धी/जान-पहचान के लोग इस उम्र के विद्यार्थी हैं । क्या वो मानते हैं कि उनकी समझ में वे युवा विद्यार्थी HIV संक्रमण के बारे में इतनी जानकारी रखते हैं कि स्वयं को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में HIV संक्रमण से बचा सकें ?

आप अपनी राय टिप्पणी के माध्यम से बता सकते हैं ।


साभार,
नीरज रोहिल्ला

8 टिप्‍पणियां:

  1. Answers are
    1. Decision to get my child admitted in college has nothing to do with HIV infected mates. What if you don't know abt it prior to admission and still later on your child comes in a contact of a HIV infected child. The only thing that I will suggest to my child is that he/she should be very cautious in dealing with other mates. As of now I don't think that my child will get in a physical relationship at that age. But in this modern world, people don't treat sex before marriage as a stigma. So I would honestly ask my child that before getting in physical relationship with anyone , be sure he/she is not infected with HIV

    2. If college has details abt HIV infected students, still I won't ask for it. Its upto the person who is getting in a physical relationship to ask his partner abt his HIV history.

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  2. इस संस्थान में यथासम्भव नहीं भर्ती करायेंगे. बस. हां बच्चे को एड्स सम्बन्धी जानकारी अवश्य देंगे.

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  3. इसका जवाब इस बात पर भी निर्भर करता है कि और विकल्प क्या हैं। साथ ही, क्या एक ही कॉलेज में पढ़ने से शारीरिक संसर्ग की सम्भावना बढ़ेगी? एड्स फैलने के लिए तो एक ही संसर्ग काफ़ी है, और वह दूसरे कॉलेज के विद्यार्थी के साथ भी हो सकता है।
    शायद अधिक प्रासङ्गिक प्रश्न होता कि संसर्ग की सम्भावना नहीं के बराबर है, फिर भी क्या आप अपने बच्चे को एड्स पीड़ित बच्चों के साथ पढ़ने के लिए भेजेंगे - जबकि आपको पता भी नहीं है कि कौन से बच्चों को एड्स है और किन को नहीं। ऐसी स्थिति में ईमानदारी से कहूँ तो बाकी सभी सुविधाएँ एक जैसे होने पर मैं अपने बच्चों को वहीं भेजूँगा जहाँ एड्स पीड़ितों की सङ्ख्या कम हो।

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  4. मेरा जवाब इस प्रकार है:

    १. यदि वह अकेला ही सबसे अच्छा कालेज है,और दूसरा कोई विकल्प उपलब्ध नही है, तो मै फिर भी भेजूंगा, लेकिन बच्चे को एड्स की पूरी जानकारी के साथ, वो भी किसी क्वालिफ़ाइड एड्स एवायरनैस सेन्टर से, जिसमे बच्चा स्वयं कार्यकर्ता से अपने सवाल पूछे और जवाब पाए।

    बच्चे को इसी कालेज मे भेजने का निर्णय इसलिए लिया, क्योकि दुसरा कोई विकल्प नही था। फिर गारंटी भी नही, दूसरे कालेज मे बच्चा किसी से सम्बंध बनाए उसको एडस ना हो।

    विकल्प उपलब्ध होने की स्थिति मे,मै निश्च्य ही बच्चे को दूसरे कालेज मे भेजूंगा।

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  5. सही है कि अगर कोई विकल्प है तो जरुर कोशिश होगी कि उसे इस कॉलेज मे न भेजा जाये अन्यथा एड्स के विषय में जानकारी दिलवा कर इसी कॉलेज में भेजेंगे.

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  6. बेनामी12:48 pm

    एच आइ वी के बारे में जानकारी होना ही उसका निदान है। अतः, यह सवाल किसी भी माता-पिता को कभी आ सकता है, स्कूल में, कौलेज में या फिर आगे जाकर काम पर जाने पर। और, माता-पिता हर जगह पहरेदार बन कर नहीं रह सकते हैं। तो भलाई इसी में है कि अपने बच्चे को उम्र के अनुसार, इस विष्य पर बात करें और पढें कि कैसे एच आई वी फैलता है और कैसे नहीं? अपने बच्चे को अपने शरीर कि रक्षा करना सिखाऎं।

    किसी स्कूल या कौलेज या कर्मस्थल पर दाखिला लें या नहीं, यह एच आइ वी युक्त सहपाठीयों या सहयोगीयों के उपर निर्भर नहीं होना चहिये। क्योंकि, साधारणतः आपको कभी भी नहीं पता चल सकता है कि किसे एच आइ वी है या नहीं ? और अगर यह मान कर चलें कि इस स्कूल या कौलेज में एच आई वी नहीं है, क्योंकि इस बारे में किसी ने कुच्छ नहीं कहा है, तो यह भी जान लें कि अगर एच आइ वी होगा भी तब भी कोइ कुच्छ नहीं कहेगा।

    इसीलिये, “अब पछताए कया होत है, जब चिड़ीया चुग गयी खेत” से बचने के लिये, शुरू से ही अपने बच्चे से एच आइ वी, ड्रग्स और अन्य सामाजिक समस्याएं , जैसे आतंकवादी न बने, के बारे में धीरे धीरे शिक्षा देना चाहिये। हाल ही में बेंग्लुर के अच्छे पढे-लिखे युवा, जो गुमराह हो गये, इंग्लेंड में आतंकवादी बन गये। दूसरी तरफ घरेलु शिक्षा में आप उनको पैसा, क्रेडिट कार्ड के हथकंडे से बचने के उपाय और अन्य बातें बता सकते हैं। ध्यान रहे कि हर बात स्कूल या कौलेज में नहीं बताया जाता है, और अगर आप यह मान कर चलते हैं कि समय आने पर वह खुद सीख जायेंगे, तो बहुत कुच्छ सही और गलत बाते भी सीख जायेंगे, जिसे आप सुधार नहीं पायेंगे।

    Ravi Mishra
    http://hivcare.blogspot.com/

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  7. मैं अपने बच्चे को वहां भेजूंगा जो सबसे अच्छा स्कूल है। HIV संक्रमित विद्यार्थी के रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता यदि आपके बच्चे को यौन शिक्षा तथा एडस् के बारे में संतुलित जानकारी है। इस तरह के लोगों का साथ तो उसे उस स्कूल में न पढ़ने के बाद भी हो सकता है या फिर जहां आप उसका दाखिला करवायें वहां भी, आपके बिना जानकारी के, हो सकता है।
    यह काल्पनिक सवाल नहीं है। मेरे बच्चे हिंदुस्तान के एक जाने माने कॉलेज, शायद सबसे जाने माने कॉलेज में, पढ़ें हैं। वहां इस तरह से तो नहीं पर कुछ दूसरी तरह से यह सवाल उठा था। तब भी मेरा यही जवाब था और आज भी।
    मैं जानबूझ कर उस कॉलेज का नाम नहीं ले रहा हूं क्योंकि बड़े लोगों को भी एडस् के बारे में सही जानकारी नहीं है और वे मेरी बात का गलत मतलब निकाल सकते हैं।

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  8. यहाँ मै क्या जवाब दूँ, पहले बच्चे तो हो :D उसके पहले शादी तो हो :P

    मै तो खुद ही बच्ची हूँ...

    वैसे मैने एड्स पर काम किया था... मेरा मतलब किस तरह एड्स पर ऊर्जा चिकित्सा का क्या प्रभाव पड़ता है? खैर अब अपने काम का प्रोमोशन न करके सवालो का जवाब देती हूँ।

    1.कॉलेज मे HIV संक्रमित विद्यार्थी हैं यह तो पता चल गया, पर क्या ऐसा नही हो सकता है कि दुसरे कॉलेज मे भी हो, बस इसका पता नही, परिस्थिती से भगना इसका उपाय नही है.. परिस्थिती को समझना उपाय है।
    कॉलेज मे एडमिशन कराने से कोई परहेज नही है।

    2. जी जरूर बात करना चाहूँगी ताकि उन्हे बताया जा सके कि किस तरह सामान्य जिन्दगी जीने कि कोशिश की जाये, और वो और बच्चो मे जागरुकता लाये ताकि उनके सहपाठी इस बिमारी से बच सके, भले यह काम ये बच्चे छ्द्य नाम से ही करें।

    3. जी वास्तव मे 16 साल की उम्र मे बच्चे को इस बार मे पुरी जानकारी होनी चाहिये... मेरे विचार मे 14 साल की उम्र से जानकारी होनी चाहिये क्योकि इस पडाव पर बच्चो मे शारिरीक मानसिक बदलाव शुरू हो जाते हैं, साथ मे मानसिक अकुलाहट भी होती है कि यह क्या हो रहा है... ऐसे वक्त से ही अगर सही दिशा मिल जाये तो बेहतर होगा।

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