बुधवार, दिसंबर 26, 2007

एक और प्रकार का चिठेरा चिठेरी संवाद (अनूपजी से प्रेरित) !!!

चिठेरी: अरे ओ रे चिठेरा, आज इठला के कहाँ चला ?

चिठेरा:अरे आज तो मेरा जीवन सफ़ल हो गया है। आज एक मीटिंग में गया था वहाँ रामसेतु के बारे में पता चला । तूने सुना है क्या इस बारे में?

चिठेरी: हाँ कुछ उडती उडती एडम ब्रिज के बारे में सुनी तो थी कि पिछली सरकार ने वहाँ एक नहर बनाने को मंजूरी दी थी । इस सरकार ने नहर बनाना शुरू किया तो बोले हम नहीं बनने देंगे ये हमारी भावनाओं का मामला है ।

चिठेरा: तू भी नाहक कम्यूनिष्टों उर्फ़ दुष्टों की बातों में आ जाती है ।

चिठेरी: पर कम्यूनिष्ट तो इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं ।

चिठेरा: फ़िर वोही बात, तू भोली है इन छ्द्म धर्म-निरपेक्ष लोगों की चतुराई नहीं समझ पाती है ।

चिठेरा: पता है आज से लगभग १.७५ वर्ष पहले नल और नील ने राम सेतु का निर्माण किया था । तभी पुष्पक विमान भी था । अभी हम उसे भी खोज रहे हैं । रामजी के जमाने में विज्ञान बहुत सुपर था ।

चिठेरी: अरे बाप से इत्ता पुराना है राम सेतु,

चिठेरा: और नहीं क्या? पता है गुणा भाग करके देख, त्रेतायुग भी लगभग तब (१.७५ वर्ष पहले) ही था, इससे साबित होता है कि भारतीय सभ्यता लाखों करोडों वर्ष पुरानी है । और अब तो इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी मिल गये हैं ।

चिठेरी: अच्छा १.७५ वर्ष पहले, लेकिन ये किसने पता लगाया कि राम सेतु इतना पुराना है ? प्रमाण कहाँ है ?

चिठेरा: तेरी ये ही कमी है, तू सवाल बहुत करती है । मैं कह रहा हूँ न इतना पुराना है तो मान ले । और आस्था का प्रमाण कहाँ से लाऊँ ।

चिठेरी: तो १.७५ वर्ष आस्था से निकाला है, विज्ञान से नहीं ।

चिठेरा: अरे नहीं बिल्कुल वैज्ञानिक है । असल में ये शोध किसी जनरल (Journal) में इसलिये नहीं छप पाया क्योंकि पश्चिमी लोग नहीं चाहते कि भारत के लोग अपनी सभ्यता के बारे में गर्व करें कि वो इतनी पुरानी है ।

चिठेरी: लेकिन एक बात समझ नहीं आयी, विज्ञान तो कहता है कि १.७५ वर्ष पहले मनुष्य अफ़्रीका से ही नहीं निकल पाये थे वो अयोध्या कैसे आ गये ?

चिठेरा: तू समझती क्यों नहीं, बाल्मीकि जी ने लिखा है ये सब तो सत्य ही होगा । फ़िर अपने पुराणों में भी तो त्रेता युग १.७५ वर्ष पहले का ही बताया गया है ।

चिठेरी: इसका मतलब कि १.७५ लाख साल ऐसे ही बोल रहे हो, कोई खोज वोज नहीं हुयी ।

चिठेरा: तू इसको समझ नहीं पायेगी, तेरी आँखों पर मैकाले वाली शिक्षा पद्यति की पट्टी पडी हुयी है ।

चिठेरी: अब मैकाले कहाँ से आ गया, और मैं तो सरस्वती शिशु/विद्या मंदिर की पढी हूँ । हमारे स्कूल का उदघाटन खुद रज्जू भैया ने किया था ।

चिठेरा: फ़िर तेरी बुद्धि भ्रष्ट कैसे हो गयी । तुझे पता है अभी कुछ पहले ही एक वैज्ञानिक ने रामायण काल की गणना की है ।

चिठेरी: अच्छा सच में, कैसे गणना की है ।

चिठेरा: देख, बाल्मीकि जी ने रामायण में अलग अलग घटनाओं के समय की ग्रहों की स्थिति का वर्णन किया है । कि जब राम जी का जन्म हुआ तो फ़लाँ नक्षत्र फ़लाँनी स्थिति में था । और अब वैज्ञानिक Software का प्रयोग करके हमने पता कर लिया कि फ़लाँ नक्षण फ़लाँनी स्थिति में कितने साल पहले था, है न एकदम वैज्ञानिक ।

चिठेरी: बाप से बाप, ये तो मस्त बात बतायी तूने । कितने समय पहले थे रामजी अयोध्या में ।

चिठेरा: यही कोई आज से लगभग ६०००-७००० साल पहले ।

चिठेरी: लेकिन अभी तो तू १.७५ लाख साल पहले की बात कर रहा था ।

चिठेरा: वो तो मैं तुझे अपना समझ के कह रहा था, लेकिन तू तो मैकाले की बहन और कम्यूनिष्टों की सहेली निकली इसीलिये असली वैज्ञानिक डेट बता रहा हूँ । तू आस्था को नहीं समझेगी ।

चिठेरी: लेकिन रामजी हुये तो एक ही समय होंगे, या तो १.७५ लाख साल पहले या ६००० साल पहले । अब कोई एक तारीख ही पक्की कर दो ।

चिठेरा: अरे एक तारीख पक्की करने में बडी समस्या है । पुराणों का क्या करेंगे, अब उन्हे भी तो गलत नहीं कह सकते ।

चिठेरी: लेकिन "खट्टर काका" ने तो अपनी किताब में पुराणों की खूब हिन्दी की है । पुराणों की सारी बातें सच थोडे ही न हैं ।

चिठेरा: तुझे भारत के गौरव की कोई चिन्ता नहीं? अगर ६००० साल पहले रामजी हुये तो ईराक में तो लोग रामजी से पहले ही रह रहे थे । और तुझे तो पता है कि भारतीय सभ्यता सबसे पुरानी है, फ़िर ऐसा नहीं हो सकता ।

चिठेरी: तो फ़िर कह दो कि ६००० साल पुरानी तारीख गलत है ।

चिठेरा: तू पागल हो गयी है क्या? फ़िर तो रामायण ही गलत हो जायेगी । और इस शोध को करवाने में जो पैसा लगा वो अलग पानी में गया ।

चिठेरी: मुझे तो ५०००-६००० साल पुरानी बात ही सही लगती है । देख: रामायण की कुछ बातों पर ध्यान दे । उस समय धातुओं का खूब प्रयोग होता था, समाज व्यवस्था विकसित हो चुकी थी । मनुष्यों की जीवन शैली खूब बढिया थी । जानवर पालतू बन चुके थे आदि आदि

चिठेरी: किसी भी पुरानी सभ्यता को देख ले, ये सारे काम ५०००-६००० साल पहले ही हुये हैं ।

चिठेरा: तेरी बात में तो दम है, लेकिन उसके बाद युगों, ब्रह्मा के दिन, प्रलय आदि का क्या होगा । और ये सब तो ठीक है लेकिन फ़िर उसके बाद महाभारत को ५००० साल के पीछे रखना पडेगा और लोग पूछेगें कि जब महाभारत ५००० साल से भी कम पुरानी है तो उसके प्रमाण उत्खनन में क्यों नहीं मिले । नहीं, रामायण तो १.७५ लाख वर्ष पुरानी ही है, तू आसानी से मान ले वरना तेरी खैर नहीं ।

चिठेरी: चलो आस्था की बात है तो मैं मान लेती हूँ ।

चिठेरा: आस्था के अलावा अभी अभी मैने तुझे समझाया तो है कि वो वैज्ञानिक प्रमाण है और नासा वालों ने भी यही कहा था ।

चिठेरी: लेकिन नासा वालों ने तो कहा था कि उन्होने राम सेतु के केवल फ़ोटों खींचे हैं, उसकी आयु के बारे में उन्हे कुछ नहीं पता ।

चिठेरा: अरे ये तो उन्होने ईसाई मिशनरियों के दवाब में आकर किया होगा । इन मिशनरियों से अपने भारत को बहुत खतरा है ।

चिठेरी: अच्छा अभी मैं चलती हूँ, आज के लिये बहुत हो गया ।

चिठेरा: अभी तो बहुत कुछ बताना बाकी है । पता है वेदों में विमान बनाने की विधि है, परमाणु बम तक बना सकते हैं हम वेदों को पढकर । तुझे पता नहीं जर्मनी वालों ने कितनी ही चीजें वेदों से खोजकर बनायी थी ।

चिठेरी: तो तुम क्यों नहीं बना लेते, फ़िर तो परमाणु ऊर्जा वाली डील की जरूरत भी नहीं रहेगी ।

चिठेरा: वो सब हम बाद में सोचेंगे, पहले जन चेतना जगानी पडेगी कि अपना पुराना विज्ञान सबसे बढिया है । उसके बाद पाश्चात्य सभ्यता के अनुयायियों के खिलाफ़ मोर्चा खोलेंगे, इन मैकाले पुत्रों का घोर विरोध होना चाहिये ।

चिठेरी: अच्छा चल, अभी देर हो रही है । बाद में फ़ुरसत से तुझसे ज्ञान लेना पडेगा ।

चिठेरा: हाँ, अगली मीटिंग में तुझे साथ में ले के चलूँगा...

 

आगे भी जारी रहेगा......

5 टिप्‍पणियां:

  1. फुरसत वाले ज्ञान की प्रतीक्षा करेंगे।

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  2. बहुत अच्छा। आस्था को जब विज्ञान सम्मत होने का जामा पहनाने की कोशिश की जाये तो वह चिठेरा-चिठेरी संवाद हो जाता है। यह इस पोस्ट को पढ़ कर भक्क से रियलाइजेशन हुआ। :-)

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  3. वाह क्या बात है!!

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  4. मस्त और धारदार....वाह।

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  5. neeraj ji ko hindi aur hindustan ka maan badhaane ke liye bahut bahut dhanyvaad. Aapko bhi naye saal ki badhai....

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