दिन: १३ जनवरी, २००८
समय: सुबह के साढे चार बजे
एक अरसे के बाद इतना सुबह उठा, उठना ही था क्योंकि आज के दिन का मुझे पिछले कई महीनों से इन्तजार था । उठकर तैयार होकर सुबह ५:३० बजे घर से करीब १० मील दूर ह्यूस्टन डाउनटाउन पंहुचा । अपनी कार को पार्किंग में लगाया और उसके बाद मैं ह्यूस्टन मैराथन का हिस्सा बनने के लिये तैयार था ।
सुबह थोडी ठंडी हवा चल रही थी लेकिन दौडने के लिये इससे अच्छा मौसम नहीं हो सकता है । ६ बजे के करीब डाउनटाउन की सडकें पुलिस ने बंद करवा दी और इसी के साथ १७,००० लोगों की भी दौडने के लिये तैयार थी । इस बार की दौड की खास बात थी कि महिला प्रतिभागियों की संख्या पुरूष प्रतिभागियों से अधिक थी । ह्यूस्टन मैराथन में निम्न प्रतियोगितायें थी:
१) व्हील-चेयर मैराथन
२) शैवरान ह्यूस्टन मैराथन (Chevron Houston Marathon): २३.२ मील अथवा ४२.२ किमी.
३) साउदी अरामको हाफ़-मैराथन (Saudi Aramco Half-Marathon): १३.१ मील अथवा २१.१ किमी.
४) ई. पी. ५ के : ५ किमी.
मुझे इनमें से हाफ़-मैराथन दौडना था । ये मेरी जिन्दगी का पहला मैराथन था इसीलिये मैं इसकी शुरुआत आधी मैराथन से करना चाहता था जिससे कि मैं अपनी क्षमताओं को परख सकूँ । दौड सुबह ७ बजे प्रारम्भ हुयी । हाफ़-मैराथन में ८२८३ प्रतिभागियों ने भाग लिया था और शेष लगभग ८८०० प्रतिभागी अन्य दौडों में भाग ले रहे थे । लोग अपने वरीयता क्रम से खडे थे, मतलब अगर आप तेज दौडते हैं तो सबसे आगे और थोडा धीरे तो बीच में जिससे की शुरूआत में धक्का मुक्की न हो । इस दौड के समय को नोट करने के लिये सब प्रतिभागियों को एक चिप दी गयी थी जिसे हमें अपने जूते के फ़ीतों में पिरो लेना था । प्रारम्भ पंक्ति को पार करते ही चिप समय रेकार्ड करना शुरू कर देगी और समाप्ति पंक्ति के बाहर पैर रखते ही समय नोट करके एक बडे कम्प्यूटर को डेटा अपने आप पंहुच जायेगा ।
मैराथन दौड में दो समय होते हैं । पहला गन टाईम अर्थात जब से बंदूक चलाकर दौड प्रारम्भ की गयी से लेकर आपके समाप्ति पंक्ति को पार करने का समय और दूसरा चिप टाईम अर्थात आपकी दौड का वास्तविक समय । दौड की शुरुआत के समय आपके खडे होने की स्थिति के हिसाब से चिप टाईम और गन टाईम में १-४ मिनट का अन्तर हो सकता है । दौड के समाप्त होने पर गन टाईम तुरन्त पता चल जाता है क्योंकि जिस समय आप समाप्ति पंक्ति पार कर रहे होते हैं, एक बडी सी घडी पर समय चल रहा होता है । चिप टाईम पता करने के लिये थोडा इन्तजार करना होता है और कुछ ही घंटों में ये उपलब्ध हो जाता है ।
ह्यूस्टन मैराथन के सारे इन्तजामात बडे चुस्त थे और कहीं भी जरा भी तकलीफ़ नहीं हुयी, दौडने वाला भाग छोड कर :-) मैने अपने मन में सोचा था कि मैं इस दौड को २ घंटे से कम समय में तय करूंगा । मेरे मित्र टिम का भी लगभग यही विचार था और हम लोगों ने साथ साथ दौडने का निश्चय किया । आईये अब आपको कुछ चित्रों के साथ प्रारम्भ से अंत तक के सफ़र का आनन्द दिलवाते हैं ।
जैसा कि हर लम्बी दौड के साथ होता है, हमने अपनी शुरूआत काफ़ी धीमी की जिससे कि हम जल्दी थके नहीं और मांसपेशियों पर अधिक दवाब न पडे । दौड की शुरूआत से लेकर अन्त कर सडक के दोनो तरफ़ दर्शक तालियाँ बजाकर सभी दौडने वालों का मनोबल बढा रहे थे । कहीं कहीं छोटे छोटे बच्चे दौडने वालों से हाथ मिला रहे थे और हाथों में छोटी छोटी घंटियाँ बजाकर शोर मचा रहे थे । लगभग हर एक मील पर पीने के लिये पानी, Gatorade (Energy Drink) उपलब्ध था । मैने तीसरे मील(४.८ किमी) पर पहली बार Gatorade पिया और अपनी रफ़्तार थोडी बढा दी । इसके बाद अगला पडाव (पडाव का मतलब रुकना नहीं) ६.२ (१० किमी) पर था, यहाँ पर टिम को लगा कि हम लोग जरूरत से थोडा तेज भाग रहे हैं और शायद हम अन्त तक इस गति से नहीं दौड पायेंगे । इसीलिये ६.२ मील से ९ मील तक हम लोग थोडी धीमी गति से दौडते रहे । ९ मील के बाद पैरों में हल्की थकान सी होने लगी थी और इतनी ठंड में भी हम पसीने में भीग रहे थे ।
चूँकि आज गलती से मैं अपनी घडी ले जाना भूल गया था इसीलिये ९ मील के बाद मैने टिम से समय पूछा तो उसने कहा कि हमे दौडते ८८ मिनट हो गये हैं । ये सुनकर मेरे हाथों के तोते उड गये क्योंकि इसका मतलब था कि हम एक मील को दौडने में ९ मिनट से ज्यादा का समय लगा रहे हैं जिसके हिसाब से हम इस दौड को २ घंटे में समाप्त नहीं कर पायेंगे । इसके बाद हम दोनों ने काफ़ी तेजी से दौडना शुरू कर दिया और हम ११ मील तक तेजी से दौडते रहे । असल में ९ मील पर हमें दौडते हुये १ घंटा और १८ मिनट हुआ था और जल्दी में दौडते समय टिम ने ७८ मिनट को ८८ मिनट बोल दिया था । लेकिन इसका हमें थोडा फ़ायदा और थोडा नुकसान हुआ । हमने अगले २ मील तेजी से पार किये थे लेकिन इसी समय मेरे पैर की एक मांसपेशी ने मुझे तकलीफ़ में ला दिया । इस समय मैने टिम को कहा कि वो अच्छा दौड रहा है और उसे आगे निकल जाना चाहिये और मैं अगले २.१ मील थोडा धीमे दौडूगाँ ।
मैने थोडे कष्ट में अगला एक मील पूरा किया और तभी देखा कि सामने कुछ लोग दौडने वालों को बीयर बाँट रहे हैं । मैने जल्दी से बीयर के ५-६ घूँट गटके और थोडी जान में जान आयी । असल में थोडी मात्रा में बीयर पीने से आपको काफ़ी ऊर्जा मिलती है क्योंकि बीयर में काफ़ी कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं और आपका शरीर इसे तुरन्त ग्रहण कर लेता है । शायद इसीलिये किसी भी दौड के समाप्त होने के बाद बीयर की चुस्कियाँ आम बात है ।
खैर १२वें मील को पार करने के बाद सभी लोगों ने अपनी गति काफ़ी बढा ली और अपने पडौसी दौडने वाले के साथ कदम से कदम मिलाने की कोशिश में मैं भी काफ़ी तेजी से दौडने लगा । ये १.१ मील सबसे लम्बा महसूस हुआ । कसकर मुट्ठियाँ बांधकर, गहरी साँसे लेता और सामने मंजिल को देखता मैं दौडता चला गया । १३ वें मील के बाद एक घुमाव और बस समाप्ति पंक्ति सामने ही थी ।
ये रहे मेरी दौड के परिणाम:
गन टाईम: १:५६:०४
चिप टाईम (वास्तविक समय): १:५३:५३
पहले १० किमी (६.२ मील) दौडने में लगा समय: ५६.०१
पहले १५ किमी (९.३७ मील) दौडने में लगा समय: १:१७:३९
एक मील को दौडने में लगा औसत समय: ८:४१
दौड में कुल प्रतिभागी: ८२८३
दौड में मेरा स्थान: १२०४ (अर्थात ७०७९ लोगों ने मेरे बाद दौड समाप्त की)
जैसा कि मैने सोचा था, इस दौड को २ घंटे के अन्दर समाप्त करने से मन को बडी खुशी मिली । इसके साथ ही मैने निश्चय किया कि अगली मैराथन पूरी २४.२ मील (४२.२ किमी) दौडी जायेगी । इस पोस्ट को लिखते समय दाँये घुटने में थोडा दर्द हो रहा है और बाँये पैर की मांसपेशियाँ अभी भी तनाव में हैं । लेकिन कोई खास तकलीफ़ नहीं हैं और १ हफ़्ते में मैं पूरी तरह चंगा होने की उम्मीद करता हूँ । ये खत्म हुयी मेरी मैराथन कहानी और अब आप तस्वीरों का आनन्द लें ।
(दौड शुरू होने से पहले एक बडे से हाल में तैयारियों का जायजा लेते हुये)
(मैं और डैनी दौड के लिये तैयार, डैनी पूरी मैराथन मतलब २६.२ मील दौडे)
(प्रारम्भ/समाप्ति द्वार)
(दौडते लोगों का हुजूम, ये ऊपर वाले पाँच फ़ोटो ह्यूस्टन क्रानिकल के सौजन्य से)
(दौडने वालों की हौसला अफ़जाई करने रविवार के दिन सुबह सवेरे लोग अपने घरों के बाहर बैठे थे, दौडते समय छोटे बच्चों के साथ हाथ मिलाने में बडा अच्छा लगा । बच्चों ने भी अपने सुपर-मैन के लिये जमकर तालियाँ बजायी । और मेरे दोनो रूममेट सोते रह गये :-), ऊपर वाले तीन फ़ोटो ह्यूस्टन क्रानिकल के सौजन्य से )
(दौड पूरी होने के बाद मैडल के साथ मेरी विजयी मुस्कान)
(BCRR वो धावक क्लब है जिसका मैं सदस्य हूँ, पहली फ़ोटो में टिम दौड की समाप्ति के बाद बीयर की चुस्कियाँ लेते हुये और दूसरी फ़ोटों में क्लब के अन्य सदस्य)
(हमारे तंबू के आस-पास के नजारे )
प्रिय नीरज,
जवाब देंहटाएंजब भी आपके चिट्ठे पर आता हूँ तो गेल्वेस्टन नाम मुझे उन दिनों की याद दिलाता है जब मैं काऊंसलिंग में उच्चतर अध्ययन अमरीका आया था. गेल्वेस्टन इलाके में मैं लगबह एक हफ्ता रहा था.
मेराथन का सचित्र वर्णन पढ कर अच्छा लगा. हर व्यक्ति को अपनी सामान्य जिन्दगी से हटकर इस तरह के कार्य भी करने चाहिये. जिन्दगी तभी पूर्ण कही जा सकती है जब उस में विभिन्न "रसों" की मिलावट हो.
अब हमारी उमर तो टेबल पर बैठ कर मेराथन करने की हो गई है -- जो रोज करते भी हैं. लेकिन आप जैसे साथी चिट्ठाकारों की खबर पढते हैं तो बडा अच्छा लगता है. लगे रहें, अगले साल सचमुच में और आगे जाना है.
मेराथन का वर्णन पढकर अच्छा लगा। बधाई ....इतने लोगों के बीच में आपने अच्छा स्तर बनाये रखा।
जवाब देंहटाएंशानदार!! बधाई !!
जवाब देंहटाएंअगली बार के लिए शुभकामनाएं!!
अपन ने स्कूल लाईफ़ में बस एक बार मैराथन में हिस्सा लिया था वह भी इतनी ज्यादा लंबी नही थी।
यह बहुत प्रभावित कर देने वाला है। और कष्ट है कि इस फील्ड में हम आपको वाकओवर के आलावा कुछ दे नहीं सकते।
जवाब देंहटाएंहां; बधाई जरूर दे सकते हैं! बहुत अच्छा। रफ्तार बनाये रखें।
जिन्दगी का पहला मैराथन और इतना अच्छा रिजल्ट। आप बधाई के पात्र हैं। आपके हौसले को सलाम। वर्णन भी रोचक है।
जवाब देंहटाएंवाह पहली मैराथोन पूरी करने के लिए बधाई, आशा करते हैं अगली बार टाइमिंग और अच्छी होगी।शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखे हैं, यहीं और भी लिखिये
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