सोमवार, जुलाई 09, 2007

स्तरीय साहित्य से नयी पीढी को अवगत करायें !!!

मैं इस पोस्ट के माध्यम से सभी हिन्दी ब्लागर बंधुओं से एक निवेदन कर रहा हूँ । आशा है आप सभी यथासंभव सहायता करेंगे ।

हिन्दी साहित्य में मेरी जो भी रूचि है वो कक्षा ६ से लेकर १२ तक पढी हुयी (खूब रस लेकर पढी हुयी) पाठ्यक्रम की हिन्दी पुस्तकों की देन है । उन पुस्तकों के माध्यम से नामी हिन्दी लेखकों के नाम सुने, उनकी कालजयी रचनाओं के कुछ अंश पढे । अधिकांश नाम धीरे धीरे भूल गये लेकिन थोडा बहुत कुछ याद रह गया और साथ में जिन्दा रही स्तरीय हिन्दी रचनाओं को पढने के बाद के सुख की अनुभूति । उसके बाद तो हिन्दी साहित्य पढने का मौका बस ढूँढते ही रह गये और कुल चार-छ: पुस्तकें (मधुशाला, मुझे चाँद चाहिये, मॄत्युंजय आदि) ही पढ पाये ।

हिन्दी चिट्ठाजगत में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होने उत्तम हिन्दी साहित्य का रसास्वादन किया है । अनूपजी ने राग दरबारी से अवगत कराया । उन्होनें उसके कुछ अंश एक चिट्ठे पर डाले और पढकर इतना अच्छा लगा कि आनलाइन सरकारी पुस्तकालय की साईट से उसको पूरा पढे बिना चैन न आया । हिन्दी विकीपीडिया पर भी काफ़ी समय बिताया और कुछ नये/पुराने लेखकों की रचनाओं का पता चला ।

अब मैं मुद्दे की बात पर आता हूँ और बताता हूँ कि मेरी आपसे क्या आकांक्षायें हैं ।

१) हमें अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर हिन्दी के कवि/लेखक/आलोचक इत्यादि की ऐसी सूची बनानी है कि जिसका प्रिंट लेकर व्यक्ति पुरानी दिल्ली की नयी सडक और चुनिन्दा जगह जाये तो हिन्दी किताबों के ढेर में से उस सूची की मदद से अच्छे साहित्य की खोज कर सके ।

२) हिन्दी लेखकों की वर्तमान पीढी की साहित्यिक गतिविधियों के बारे में जानकारी बतायी जाये । आखिर पता तो चले के वर्तमान पीढी के लेखक कौन हैं और वो कैसा साहित्य रच रहें हैं ।

३) आप अपनी पसन्द के लेखक/कवियों की सूची और उनकी कालजयी रचनाओं के बारे में अपना ज्ञान सभी से बाँटे ।

इस प्रकार की जानकारी को प्रकाशित करके यदि अक्षरग्राम सर्वज्ञ अथवा हिन्दी विकिपीडिया पर रखा जाये तो काफ़ी लोग इससे लाभान्वित हो सकते हैं ।

मैने अपनी बात को कम शब्दों में कहा है लेकिन आशा है आप मेरा अभिप्राय समझ गये होंगे । तो फ़िर देर किस बात की है, चालू हो जाइये अपने चिट्ठे पर या कहीं और भी अपनी पसन्द के साहित्यकारों के बारे में जानकारी बाँटने के लिये ।

4 टिप्‍पणियां:

  1. आप की बात मान कर हमने भी एक छोटी रचना डाल दी है.अब डालते रहेंगे.

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  2. उत्तम विचार हैं। काम शुरू किया जाये।

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  3. बहुत सही. बताते हैं.

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  4. साहित्य की क्या बात करें. ये जो ब्लॉग पर रोज चढ़ रहा है वह ज्यादा मजेदार है. बाकी साहित्य (हिन्दी या अंग्रेजी), जो जब हत्थे लगता है, उसपर 200-250 शब्द टीप ही लेते हैं. :)
    आपकी साहित्य के प्रति सोच अच्छी लगी.

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