आज ही संजय पटेलजी ने अपने चिट्ठे पर मदन मोहन की बरसी पर बांसुरी पर उनके कुछ गीत प्रस्तुत किये हैं । मदन मोहन जी को याद करते हुये "अदालत" फ़िल्म के गीत "यूँ हसरतों के दाग" को राजेश कोप्पिकर के अंदाज में पेश कर रहा हूँ । राजेश जी के गीत मैने केवल यूट्यूब पर ही सुने हैं लेकिन उनकी कलाकारी काबिल ए तारीफ़ है । इस गाने के उतार चढावों को उन्होने जिस बारीकी से अपनी सीटी में संजोया है उसे सुनकर मन वाह वाह कह उठता है । लीजिये, पेश-ए-खिदमत है "यूँ हसरतों के दाग" :
इसी के साथ मेरी पसन्द का एक और गीत "पूछो न कैसे मैने रैन बिताई" भी राजेश जी की सीटी के माध्यम से सुनिये ।
इसके अलावा यू-ट्यूब पर राजेश जी के २५० अन्य गीतों को इस पेज पर देख सकते हैं ।
सोमवार, जुलाई 14, 2008
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बहुत खूब ..बेहतरीन लगा यह .सुनवाने का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअदभुत है राजेश भाई का अंदाज़.
जवाब देंहटाएंकिस किस रूप में लुभाते हैं मदन मोहन जी.दो बरस पहले मैने मदन जी पर एक कार्यक्रम किया था जिसके बारे में उनके सुपुत्र श्री संजीव कोहली को भी बताया.संजीव भाई ने अपने मार्मिक पत्र में लिखा था कि जो प्यार आज पापा को मिल रहा है काश वह उनके जीवन काल में मिला होता.
बहरहाल आनंद दे गया ये सीटी वादन.
राजेशजी को बधाई दीजियेगा
bahut badhiyaa..
जवाब देंहटाएंजे का बात हुई, जब हम वीडियो पर क्लिक करते हैं तो संदेस आता है
जवाब देंहटाएंwe're sorry, this video is no longer available...... :(
और लोगों ने कैसे देख/सुन लिया?
Ghar jaa kar sunte hain. Pahle suna hai inhe You Tube par hi. Gajab kalakaar hain. Abhar prastuti ka.
जवाब देंहटाएंअपने ब्राड (सारी नैरो) बैण्ड में बहुत देर की मशक्कत पर थोड़ा सा सुन पाये "यूं हसरतों के दाग"। अच्छा लगा। वीडियो लायक नेट सुविधा अभी भारत में अच्छी नहीं है।
जवाब देंहटाएंपर जितना सुना, उतने में आनन्द आ गया।
Something new Neerajbhai.
जवाब देंहटाएंRajeshbhai's citee vaadan is great.
Thanx for the presentation.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
vaha mera pasand ka geet. bhut badhiya.
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