आज सिर्फ एक फोटो, और उम्मीद कि ये दिन जल्दी आये और मेरी बहन, मित्र, पडौसन को अपने मन की बात करने से पहले सौ दफा सोचना न पड़े...
चित्र को बड़ा करके देखने के लिए चित्र पर क्लिक करें...
Photo: Courtesy of http://blog.blanknoise.org
शुक्रवार, जून 26, 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
यह समय दूर तो नहीं है। यद्यपि भारत का पुरुषवर्ग इसे ब्लॉक करने का बलपूर्वक यत्न करता नजर आता है।
जवाब देंहटाएंपर मेरे कहे को पूरा सत्य न मानें। मैं बहुत मेनस्ट्रीम में नहीं हूं समाज के।
bahut sunder..:)..humein bhi aise hi din ka intezaar hai..:)
जवाब देंहटाएंआमीन !
जवाब देंहटाएंनीरज भाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
आमीन !
जवाब देंहटाएं