बुधवार, जनवरी 28, 2009

और बस दुनिया उसी पल खत्म हो जाये!!!

एक निर्जन टापू पर ऐसी मधुर आवाज में कोई गीत पर गीत सुनाये। बस उसी समय दुनिया समाप्त हो जाये तो ईश्वर का कितना ऐहसान रहे। मित्र कह रहे थे कि शादी करने से पहले देख लेना कि कन्या बढिया गाना गाती हो, इन्शाअल्लाह... आमीन... :-)

गायिका किरन अहलूवालिया हैं जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में पारंगत हैं। इनके बारे में मेरे मित्र गौरव ने बताया और तब से सुने जा रहे हैं। यू-ट्यूब पर उनके और वीडियो भी देखे जा सकते हैं। खुद किरन अहलूवालिया की वेबसाईट पर उनके अन्य गीत सुने जा सकते हैं। ये रही उनकी वेबसाईट:
http://www.kiranmusic.com/flash_content/main_full.html


वो कुछ ऐसे मन में समाये हुये हैं,
और ऐसे ख्यालों पे छाये हुये हैं।

मोहब्बत में हम यूँ अकेले चले हैं,
उन्हें इस तपिश से बचाये हुये हैं।

सुना है रकीबों से अनबन है उनकी,
उम्मीदों की शम्मा जलाये हुये हैं।

नहीं 'ताहिरा' कुछ ज़माने से शिकवा
ये ग़म खुद खुशी से उठाए हुए हैं।

(इस गजल का मक़ता लिखना छूट गया था, रमण कौल जी का बहुत धन्यवाद याद दिलाने के लिये)




इस पंजाबी गीत को सुनकर ही दम निकला जा रहा है, अब तक कल से दसियों बार सुनकर भी मन नहीं भरा।

11 टिप्‍पणियां:

  1. गीत और गायकी से ज्यादा आपकी उम्र का तकाजा बोल रहा है तारीफ में. :)

    होता है ऐसा भी.

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  2. वाह वा! क्या बात है! समीरलाल को जलने दो। तुम तो लगे रहो जी!

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  3. बिल्कुल भाई, ज्ञानियों की बात पर अमल किया जाना चाहिये. वैसे आज दिन मे हम भी सुनकर देखते हैं . आज तक नही सुन पाये हैं, पर आप कह रहे हैं तो अवश्य सुनेंगे. धन्यवाद आपको िनके बारे मे बताने के लिये.

    रामराम.

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  4. बेनामी10:09 pm

    ग़ज़ल बहुत खूबसूरत है, सुनवाने और पढ़वाने के लिए धन्यवाद। मक़ता लिखना रह गया

    नहीं 'ताहिरा' कुछ ज़माने से शिकवा
    ये ग़म खुद खुशी से उठाए हुए हैं।

    पंजाबी गीत सुरीला है, पर बोल समझ में नहीं आए। कोका की होन्दा ऐ?

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  5. यह आवाज और गीत की रफ्तार/रिदम अच्छे लगे। शब्द पकड़ में नहीं आये।
    बट डोण्ट वरी, सुनने में अच्छा लगा।

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  6. और उडन तश्तरी का ज्यादा माइण्ड नहीं करने का!

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  7. उड़न तश्तरी की बात से सौ फीसद सहमत हैं अपन तो भाई...
    समीर भाई...मैं तो आपके साथ हूं:)

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  8. बस आज शाम का काम हो गया :-)

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  9. Bahut khoob janab...!!

    गाँधी जी की पुण्य-तिथि पर मेरी कविता "हे राम" का "शब्द सृजन की ओर" पर अवलोकन करें !आपके दो शब्द मुझे शक्ति देंगे !!!

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