शुक्रवार, सितंबर 12, 2008

आईक, ह्य़ूस्टन में बिन बुलाये मेहमान !!!

अब लगभग निश्चित हो गया है कि आईक नामक बिना बुलाये मेहमान हमारे घर पर आने वाले हैं । लगभग ४ दिन पहले सी.एन.एन. ने घोषणा की थी कि आईक महाशय जो उस समय हैती (Haiti) और क्यूबा में डेरा डाले हुये थे, गैलवेस्टन और ह्यूस्टन पधार सकते हैं । उसके अगले ही दिन आईक के कार्यक्रम में बदलाव दिखा और वो दक्षिणी टेक्सास के शहर ब्राउन्सवेल/कार्पस की ओर जाते दिखे । लेकिन कल फ़िर आईक ने अपना मूड बदल लिया और शनिवार की सुबह १-२ बजे के आस पास आईक गैलवेस्टन के रास्ते टेक्सास में दाखिल होंगे । आईक का इरादा १२५-१३० मील प्रति घंटा (२००-२१० किमी प्रति घंटा) की हवाओं और काली घटाओं के गाजे बाजे के साथ टेक्सास में घुसने का है । गैलवेस्टन के निवासी तो आईक को मुँह चिढाते हुये घर बार छोडकर भाग गये हैं लेकिन ह्यूस्टन निवासी (समुद्र से लगभग ४० मील दूर) अर्थात मेरे जैसे लोग जो वीर और धीर हैं, आईक का स्वागत खुली बाहों से कर रहे हैं ।

अगर आप अब तक संशय में हैं कि ये आईक महोदय कौन हैं तो नीचे दिये हुये तीन चित्र देखें ।



                            (सोमवार को सी.एन.एन. का आईक के रास्ते का खुलासा करना, हमारा आशियाना ह्य़ूस्टन में है )  



          (गल्फ़ आफ़ मैक्सिको में आईक गोल गोल घूमकर कह रहे हैं, आओ ट्विस्ट करें ...)



                                      (अब से कुछ घंटों बाद आईक हमारे मेहमान होंगे )


२००५ में रीटा नाम की आंटी भी बिना बुलाये ह्यूस्टन आने का विचार कर रहीं थी । रीटा आंटी से कुछ दिन पहले न्यू आर्लियन्स में कटरीना आंटी ने खूब तबाही मचायी थी । लोगों का बुरा हाल हो गया था और इससे डरकर वीर ह्य़ूस्टन वालों ने भी शहर से खिसकने की सोची थी । हम भी लोगों की बातों में आ गये और शहर से भागने लगे । लेकिन ४० लाख की आबादी वाले शहर के सब लोग भागने लगें तो सडके तो छोटी पड ही जायेंगी, वही हुआ । सब सडकों पर फ़ंसे रहे ।
हमने वीरता से १३ घंटे नान स्टाप अपने कार में केवल ५० किमी की दूरी तय की और सोचा इससे बेहतर है कि वापिस चलें । ५० किमी का वापिसी का सफ़र हमने केवल ३५ मिनट में पूरा कर लिया था क्योंकि वापिस जाने वाले पूरी सडक पर हम ही थे । उस समय लगा कि "जाने वाले जरा होशियार, यहाँ के हम हैं राजकुमार" :-)

आईक के आने पर कुछ चीजें निश्चित तौर पर होंगी । पहली की "ठंडी हवायें लहरा के आयें", फ़िर खिडकियों के शीशे जवानी के कच्चे दिल की तरह छन से टूट सकते हैं, तीसरी "उमड उमड के आयी रे घटा" और उसके साथ ही जोरदार बरसात ।

ये किसने अपनी जुल्फ़ से झटका पानी,
झूम के आया बादल टूट के बरसा पानी ।

इसके साथ ही आस पास के इलाकों के कुछ पेड उखडकर बिजली के तारों पर गिर जायेंगे और बत्ती गुल हो जायेगी । बत्ती गुल होने के साथ ही थोडी देर में पानी भी गुल जो जायेगा और उसके बाद खुदा खैर करे :-)

इस बार ह्य़ूस्टन के अधिकतर लोग शहर से भाग नहीं रहे हैं लेकिन थोडा अफ़रातफ़री का माहौल है । मैने ३-४ दिनों के लिये पानी खरीद कर रख लिया है, अपकी कार की टंकी पूरी भर ली है और थोडा बहुत खाने का सामान रख लिया है । मुझे पूरा विश्वास है कुछ खास नहीं होगा, आईक और हम बैठकर बालकनी में साथ में चाय पीयेंगे और उन्हें विदा कर देंगे । आईक को एक हिन्दी ब्लाग खोलने की सलाह भी दी जायेगी और विश्वास दिलाया जायेगा कि समीरजी उनको टिप्पणी अवश्य देंगे ।

इस बीच में आज स्कूल से छुट्टी हो गयी है और ब्लागिंग करने का मौका मिल गया है । एक ब्लागर को आईक से भला क्या शिकायत हो सकती है :-)


मौसम विभाग ने सैटेलाइट से ऊपर वाली तस्वीर उतारी है । जिस प्रकार से तस्वीर दिख रही है गैलवेस्टन की हालत अच्छी नहीं लग रही है । गैलवेस्टन के ९०% से अधिक लोग शहर छोड चुके हैं और जो लोग वहाँ रूके हुये हैं, ईश्वर उनकी सहायता करे ।

ताजा जानकारी के अनुसार लगभग १५०,००० घरों में बिजली जा चुकी है । ह्यूस्टन का पडौसी नगर गैलवेस्टन बडी गम्भीर समस्या से जूझ रहा है । वहाँ के काफ़ी घरों में पहले ही पानी घुस चुका है और अगले तीन-चार घंटो में वहाँ १५-२० ऊँची समुद्री लहरें शहर में घुस सकती हैं । मेरे शहर ह्यूस्टन में पानी मुख्य समस्या नहीं होगी लेकिन तेज हवायें काफ़ी नुकसान कर सकती हैं ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. जरा सावधान ही रहियेगा... पकृति को इतनी भी चुनौती नही देनी चाहिये, हाँ भी सच है कि भाग के कोई किधर जायेगा, फिर भी सावधानी बरतनी अच्छी बात है... और आईक महोदय ने अगर ब्लाग बना लिया तो मै कभी कभार टिप्पणी कर ही दूँगी :)

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  2. आइक चच्चा वैसे ही हैं जैसे आंध्र के गोलकोण्डा तट पर आने वाले अक्तूबर के महीने में अनाम चक्रवातीय ताऊगण!
    भारत में बस ताऊ-ताई का नामकरण नहीं होता। देखा देखी अब चालू हो जायेगा कुछ सालों में!

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  3. बेनामी11:28 am

    बहुत मजेदार अंदाज में लिखी पोस्ट। हम बहुत तारीफ़ कर रहे हैं सो जानना! मौज से ब्लागिंग करो चाय पियो, पिलाओ! मतलब ऐश करो। बार-बार नहीं आते ऐसे मौके।

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  4. रीता आंटी , आईके चाचा अच्छे बिन बुलाये मेहमान है, ऐसे मेहमानों से तो ऊपर वाला ही बचाये :)

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  5. आप तो काफी हिम्मती हैं -क्या जैसी भगदड़ पिछली बार टैक्सस में थी वह इस बार नहीं है ?

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  6. आईक को जब हिन्दी ब्लॉग खोलने की सलाह दो तब मेरे ब्लॉग का लिंक अवश्य दे दीजियेगा, और कहियेगा कि ये भी अपने भाई ही है कभी कभार अपने परिवार जनों सहित ( रीटा, केटरीना, अलाणा और फलाणां) मेरे ब्लॉग पर भी टिप्पणी कर जाया करे।
    मजेदार पोस्ट, जल्दी ही आईक से मुलाकात की दूसरी पोस्ट भी लिखियेगा।
    :)

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