आइक महोदय रात को हमारे घर तशरीफ़ लाये लेकिन आने से थोडी देर पहले उन्होंने हमारी बत्ती गुल कर दी | लिहाजा आइक और हमने मोमबत्ती में गुफ्तगू की, हमने आइक को हिन्दी में एक ब्लॉग खोलने को कहा जिस पर वो विचार कर रहे हैं :-)
रात को बारह बजे बत्ती गुल हो गयी थी जो अभी तक गुल है, शायद अगले कुछ घंटों में सब ठीक हो जाए | सुबह उठकर अपना रेनकोट पहनकर हम जब आस पड़ोस के हाल का जायजा लेने निकले तो पता चला की काफ़ी नुक्सान हुआ है | हमारी कार के बिल्कुल बगल में पेड़ का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिरा लेकिन हमारी कार बाल बाल बच गयी | हमारे अपार्टमेन्ट के सामने एक पेड़ जमीन पर लगभग समतल पडा था | और पेट्रोल पम्प की छत उड़ गयी थी और बाकी का हाल आप इन तस्वीरों से देख लें :-)
इस पोस्ट को मैं अपने मित्र के घर से लिख रहा हूँ जहाँ पता नहीं कैसे अभी तक बत्ती आ रही है :-) टेक्सास में लगभग ४० लाख लोगों के पास फिलहाल बिजली नहीं है लेकिन कल तक शायद सब ठीक हो जायेगा |
शनिवार, सितंबर 13, 2008
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अरे जबरदस्त। पिकासा का स्लाइड शो तो इस पोस्ट के लिये बिल्कुल मुफीद है।
जवाब देंहटाएंऔर सुकून हुआ कि आप सकुशल हैं।
अर पेंड़ पर चढ़ रहे हैं - टंकी पर नहीं। :)
bahut achche.....
जवाब देंहटाएंlajwaab hai,
ईश्वर को बहुत धन्यवाद कहा!! बड़ी कृपा है उनकी!!!
जवाब देंहटाएंअभी तक आइक का ब्लाग खुला कि नहीं! बताओ टिपियायें। और ये फ़ोटॊ बढि़या है लेकिन ऊपर-नीचे पहनने में बराबरी का भाव होना चाहिये। शारीरिक अंगों में हैव्स और हैव्स नाट की भावना नहीं होनी चाहिये। :)
जवाब देंहटाएंअच्छा कवरेज किया है आपने माइक साहब का !
जवाब देंहटाएंसॉरी आइक साहब :-)
जवाब देंहटाएंआपको सकुशल देख अच्छा लग रहा है -जान है तो जहान है ! पर लगता है डैमेज बहुत हुआ है .क्या बिजली पानी की सुविधाएं बहाल हो गयीं ? जो लोग लोग आप जैसे( दु) साहसी नहीं थे क्या अब लौट आए हैं ?कितने लोग घर छोड़ कर जाने वालों में थे ? क्या कोई कैजुअलिटी भी हुयी है -ये सारे विचार मन में उमड़ घुमड़ रहे हैं !
जवाब देंहटाएंnuksaan pe wah kya ki jaaye!!! per chitr acchey aayen hain
जवाब देंहटाएंooh my !! IKE did so much damage !
जवाब देंहटाएंThank god, you r ok.
We too had storms yesterday & no electricity :-(
Hence I'm commenting in Eng. as I'm away from my PC.
Stay Safe Tarun bhai.
आपके कमेंट से प्रोत्साहन मिला है। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि आपका ताल्लुक मथुरा से है। अमेरिका में होने के बाद संवेदनाएं मथुरा से जुड़ी हैं। यह बड़ी बात है। मैं यहां दैनिक जागरण मथुरा कार्यालय में कार्यरत हूं। 89 से पत्रकारिता में हूं। मुंबई में दस साल तक पत्रकारिता व सीरियल डायरैक्ट करने के बाद पारिवारिक कारणों से मथुरा लौटा हूं। ज्योतिषी भी हूं। एक नए कंसेप्ट के साथ लास्ट छह जून को एक साइट शुरू की है-फैमिलीपंडित.कॉम। इस पर परेशान लोगों की निशुल्क सेवा कर रहा हूं। एक पैनल बनाया है ज्योतिषियों का, जो किसी भी डाटा विशेष पर अध्ययन करने के बाद भविष्यवाणी करता है और उसे हम जातक को बताते हैं। एख ज्योतिष ब्लाग-फैमिलीपंडित.ब्लागसपोट.कॉम भी है। आप हमारा सहयोग करिए। कभी इस साइट को परखिए और अपने दोस्तों में शेयर करेंगे तो हमें सफलता के रास्ते मिलेंगे। दोनों ब्लाग को अपने ब्लाग पर पोस्ट करेंगे तो और खुशी होगी।
जवाब देंहटाएंआपका ही
पवन निशान्त
email-pawannishant@yahoo.com
familypandit@yahoo.com
mo.no.-919412777909