आज मैं पाडकास्टिंग के क्षेत्र में अपना पहला प्रयास कर रहा हूँ । मुझे एक बहुत ही बढिया वेबसाईट मिली है जिसके द्वारा पाडकास्ट बनाना बेहद आसान है । बस एक नम्बर पर फ़ोन कीजिये और नंबर मिलने का बाद अपना पाडकास्ट रेकार्ड करना शुरू कर दीजिये । पाडकास्ट पूरा होने के बाद उस वेबसाईट पर जाईये और अपने पाडकास्ट की mp3 फ़ाईल सहेज लीजिये । वेबसाईट का नाम है www.gcast.com | लेकिन वेबसाईट का नम्बर अमेरिका का है इसीलिये भारत से काल करके पाडकास्ट बनाना बेहद मंहगा होगा लेकिन अमेरिका/कनाडा में रहने वाले ब्लागर बंधु इसका खूब फ़ायदा उठा सकते हैं ।
मैं श्रीलाल शुक्लजी की कालजयी रचना राग दरबारी के एक प्रसंग का आडियो प्रस्तुत कर रहा हूँ । अगले प्रयास में आडियो को और बेहतर बनाने का प्रयास करूँगा । लेकिन इस पाडकास्ट को बनाते बनाते अपने बचपन और कालेज के दिनों की याद आ गयी जब विभिन्न हिन्दी प्रतियोगिताओं में मैं खूब ईनाम जीता करता था ।
आपकी सेवा में प्रस्तुत है पाडकास्टिंग में मेरा पहला प्रयास :-)
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आज भंग घोट कर फिर लगाता हूँ पॉडकास्टिंग के लिए फोन. :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया पॉडकास्ट प्रयास.ऐसे ही धीरे धीरे पूरी रागदरबारी सुना डालो.
bhai bahut khoob, par isase ham to lut jaenge...ham log jo aapse itna door hain unke liye bhi kuchh upaay talaashiyegaa..vaise achchha to lag rahaa hai...badhaaee
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! भांग घोंटते सनीचरा प्रधान बन जायेगा! यह अंश तो रागदरबारी सजीव कर गया मन में। और आपकी आवाज से एक आत्मीय के सामीप्य का अहसास भी हुआ।
जवाब देंहटाएंआपका यह प्रयास तो अति प्रशन्सनीय है।
अरे साहब हम भी शुक्ल जी की बड़े फ़ैन हैं.
जवाब देंहटाएंराग दरबारी को इस तरह सुनकर मज़ा आ गया.
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बधाई
डा.चंद्रकुमार जैन
बहुत बढिया प्रयास है -
जवाब देंहटाएंआवाज़ भी अच्छी लगी
-बधाई !
- लावण्या