गुरुवार, नवंबर 05, 2009

घट घट में पंछी बोलता: अनुराग हर्ष की आवाज में !

कुछ दिन पहले पारूलजी ने अपने चिट्ठे पर वीणा सहस्रबुधे की आवाज में कबीर की रचना "घट घट में पंछी बोलता" सुनवायी थी। इत्तेफ़ाक की बात है कि कुछ दिनों पहले मैं भी इसी रचना को अपने चिट्ठे पर पोस्ट करने की फ़िराक में था लेकिन अनुराग हर्ष की आवाज में,


तो लीजिये पेश-ए-खिदमत है:


घट घट में पंछी बोलता

आप ही दंडी, आप तराज़ू
आप ही बैठा तोलता
आप ही माली, आप बगीचा
आप ही कलियाँ तोड़ता

सब बन में सब आप बिराजे
जड़ चेतना में डोलता
कहत कबीरा सुनो भाई साधो
मन की घुंडी खोलता

अनुराग हर्ष की आवाज में:



वीणा सहस्रबुधे की आवाज में:

3 टिप्‍पणियां:

  1. दोनो ही आवाजों में मधुर है।

    जड़ भी मधुर चेतन भी मधुर - सब बन में वही हैं!

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  2. amazing...aaj subah 7 baje suna...aanand aa gaya...:))

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