जैसा कि मैने अपनी पिछली पोस्ट में बताया था कि कल माने रविवार को ह्यूस्टन मैराथन है जिसके लिये पिछले छ: महीने से ट्रेनिंग चल रही थी। ह्यूस्टन के जलील मौसम ने एक बार फ़िर अपना रंग दिखाने का फ़ैसला लिया है। लम्बी दौडों के लिये दौड की शुरूआत का आदर्श तापमान ४०-४४ डिगी फ़ारेनहाईट (लगभग ५-७ डिग्री सेल्सियस) होता है, आप टोपी, दस्ताने पहनकर दौड शुरू करें और आधे घंटे में दौडने से आपका शरीर इतनी ऊष्मा पैदा करता है कि उसके बाद टोपी, दस्ताने उतारने की नौबत आ जाती है। दौड के साथ साथ जैसे सूरज निकलता है तापमान बढता रहे और दौड की समाप्ति पर तापमान ५५-५८ फ़ारेनहाईट (१२-१६ सेल्सियस) के आसपास रहे । आद्रता (Humidity) जितनी कम रहे उतना अच्छा ।
अगर वातावरण में आद्रता ज्यादा होती है तो आपके शरीर से निकलने वाला पसीना सूख नहीं पाता और आधे घंटे में आप पसीने से तरबतर होकर दुहाई देने लगते हैं। और दौड के समय बारिश हो जाये तो तौबा तौबा, सडक पर फ़िसलने के चांस बढ जाते हैं, और दौड कठिन से ज्यादा कठिन हो जाती है।
कल की दौड के लिये तामपान कुछ ऐसा रहने की सम्भावना है ।
बारिश आज रात भर तो होगी ही, सुबह छ: बजे थमने की सम्भावना है, दौड ७ बजे है । आद्रता ९६ प्रतिशत पर बनी रहेगी और बारिश की सम्भावना ६० प्रतिशत रहेगी। शुरूआती तापमान ६१ डिग्री फ़ारेनहाईट और बाद में ७१ के आसपास चले जाने की आशंका है। नियमों के अनुसार अगर दौड के दस मील की दूरी में कहीं बिजली कडक रही हो तो आयोजक दौड निरस्त भी कर सकते हैं। कुल मिलाकर इन्द्र महाराज को ह्यूस्टन से आज भर भर कर कोसा जा रहा है :)
हमारे कोच ने हमको संदेश भेजा है कि अगर तापमान ६० हो तो "All bets are off" इसका अर्थ है कि हमें अपनी रफ़्तार को अपने गोल की बजाय मौसम के हिसाब से एडजस्ट करना पडेगा और हो सकता है बोस्टन क्वालिफ़ाई करने के लिये किसी दूसरे शहर में जाकर अगले महीने कोई और मैराथन दौडनी पडे।
लेकिन जो भी हो, हमारा गोल अभी भी पूरे जी जान से दौडने का है। इन अंग्रेजों को क्या पता कि जिसने मथुरा में बिना बिजली, हाथ से पंखे से ४८ डिग्री सेल्सियस में दिन बिताये हों तो ह्यूस्टन का जलील मौसम हमारा क्या बिगाड लेगा :) झांसी की गर्मी हम भूले थोडे ही न हैं :) खैर एक दिन की बात है कल इस समय तक फ़ैसला हो चुका होगा :)