मंगलवार, मार्च 24, 2009

एडल्ट ह्यूमर और हिन्दी ब्लाग जगत !!!

हम माने या न माने लेकिन एडल्ट ह्यूमर समाज में हमेशा रहा है और रहेगा।  मेरी राय में एडल्ट ह्यूमर में सर्वश्रेष्ठ वो होता है जो Tangential होता है। उसका शीर्षक अथवा कन्टेंट खुद कुछ बहुत ही मासूम सा कहता है लेकिन आपके दिमाग पर उसका अपेक्षित असर होता है।  लेकिन हिन्दी ब्लाग जगत पर कुछ भी लिखते समय बडा डर सा लगता है, क्योंकि यहां आत्म शुद्धता बहुत है। ये ही बात कभी कभी थोडा बोझिल भी करती है।  बोझिल इसलिये करती है क्योंकि जिस वातावरण (स्कूल) में हम रहते हैं वहां इस प्रकार कि बाते हम रोज ही करते हैं इसलिये इससे इंकार करना कथनी और करनी का फ़र्क होगा।

एक उदाहरण देता हूं, मेरी एक जानने वाली कन्या ने एक दौडने वाली GPS घडी खरीदी।  लेकिन चूंकि वो Apple के Mac कम्प्यूटर का प्रयोग करती थी, घडी और कम्प्यूटर की किसी वजह से आपस में नहीं बनती थी और वो बार बार डिस्कनेक्ट हो जाती थी।  उसका मानना था कि दौडते समय भी जब कभी घडी गडबडी करती है ये उसके कम्प्यूटर के कारण है।

घडी के निर्माताओं ने जब Mac कम्प्यूटर के लिये अलग से Software निकाला तो वो कन्या बहुत खुश हो गयी। उसने खुशी खुशी अपने भाई को ईमेल किया जिसका जवाब उसके भाई ने कुछ इस प्रकार दिया।  जवाब मजेदार था इसलिये उसने अपने दोस्तों को बताया और मैं उससे पूछकर यहाँ पोस्ट कर रहा हूं।

उसके भाई ने घडी के बारे में जो लिखा उसका विवरण ये है (फ़िल लडकी का अपनी घडी को दिया हुआ नाम है और ध्यान रखिये कि कन्या क्रास कन्ट्री यानि झील, झरने, पहाड के आस पास दौडती है)।

Too bad, like most of the men in your life, this is going to be full of promise and intrigue. He will lure your heart and tempt your mind with bits of information. He will wonder hills, explore valleys, cross chasms, streams and maybe even a river or mountain top. You will do all of these things believing that Phil is right there with you, savoring every moment just waiting for the opportunity to share his take on your adventures together only to find out that, like before, nothing has changed and he lost interest a mile and a half into your journey.

जब मैने इसको पहली बार पढा तो हंसते हंसते लोटपोट हो गया और उसके भाई के सेंस आफ़ ह्यूमर का कायल हो गया।  ऐसा ही कुछ हिन्दी ब्लाग पर भी हो तो हंगामा तो नहीं मचेगा, :-)

एक और उदाहरण है, एक दौडने वाली वेबसाईट पर आपके धावक होने की कई परिभाषायें थीं।  बढिया लगा इसीलिये हिन्दी अनुवाद करने लगा कि इसे अपने ब्लाग पर छापूंगा।  यहां तक पंहुचा कि अटक गया कि इसका अनुवाद कैसे होगा और इसे ब्लाग पर पोस्ट करूं कि न करूं।

    You say things like "long and hard" to your female friends and it is not a sexual innuendo.

क्या यही कल्चरल डिफ़्रेन्स है? फ़िलहाल तो आप बाकी परिभाषाओं का हिन्दी अनुवाद पढ लें।

१) आप "आसान" और १० मील एक ही वाक्य में प्रयोग कर सकते हैं,

२) एक दिन में आपके जूते आपकी कार से ज्यादा दूरी तय करते हैं,

३) आप गोल्फ़ कोर्स जाते हैं जिससे वहां दौड सकें,

४) आप दौडते हैं लेकिन पता नहीं क्यों,

५)  एक से अधिक बार आपने पेडों के पीछे जाकर अपने को हल्का किया है और आप भीड में भी कपडे बदलने में शर्म महसूस नहीं करते। कभी कभी तौलिया न हो तब भी नहीं, :-)

६) आप एक मैदान देखकर उसकी परिधि ठीक ठीक बता सकते हैं,

७) आप मानते हैं कि रात की पार्टी का हैंगओवर दूर करने के लिये १५ मील की दौड सबसे बढिया उपाय है,

८)  आप जमकर जंक फ़ूड खाते हैं, उल्टा सीधा, कैसा भी कभी भी लेकिन फ़िर भी आपका वजन केवल ५५ किलो है,

९)  पसीने से तरबतर लडकी को गले लगाने में आप जरा भी संकोच नहीं करते,

१०) आपके फ़्रिज में दो पेय पदार्थ हमेशा होते हैं, बीयर और गेटोरेड (स्पोर्ट्स ड्रिंक),

११) आप बहुत सा समय दौडने और ट्रेनिंग की बातों पर बेकार करते हैं,

१२) आपके पास हर सम्भव प्रकार के जूते हैं, नये, एक्दम नये, पुराने, घिसे हुये, बिल्कुल घिसे हुये, फ़टे हुये,
आपके पास एक जैसे दिखने वाले कम से कम ४ जोडी जूते हैं,

19 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी7:24 pm

    मजेदार पोस्ट! धावकों के बारे में सूक्तियों के अनुवाद सटीक हैं!

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  2. आपने कल्चरल डिफरेंस की बात बहुत सही कही है. एक भाषा में जो सहज होता है, वही दूसरी भाषा में अश्लील हो जाता है.

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  3. सुंदर, आप संस्कृत पढ़िए।

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  4. ना तो कोई शब्द अश्लील हैं , ना कोई भाषा अश्लील हैं , ना संस्कृतियों मे कोई कल्चरल डिफ़्रेन्स हैं . सब प्रसंग पर निर्भर हैं . आप और हम जब भी कुछ भी बोले अगर वो प्रसंग को कहीं से कहीं लेजाता हैं तो वो एक भ्रमित करने वाली सोच हैं . बहुत से लोग इस सोच का शिकार हैं . मन की कुंठाए कुंठित भाषा का रूप लेती हैं और दो अर्थो मे अपनी बात कहती हैं

    हिंदी ब्लॉग पर सेंस ऑफ़ ह्यूमर से कोई बात हो तो हंगामा नहीं होगा पर यहाँ { हिंदी ब्लॉग } सेंस ऑफ़ ह्यूमर नहीं हैं यहाँ बात

    व्यंग , हास्य और विद्रूप मजाक , फूहड़ हा हा ही , किसी भी ब्लॉगर की शैली , वस्त्रो पर टिपण्णी और हास्यास्पद चुटकुले मे अंतर होता हैं . हास्य की समझना होता हैं , विद्रूप हास्य को समझाना पड़ता हैं

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  5. आप ह्यूमर की बात करते हैं? यहाँ तो सेंस ऑफ़ ह्यूमर का घोर अकाल है. आप थोड़ी सी भी आड़ी तिरछी छींटे बौछारें उड़ाते कुछ लिख मारो, लोग सीधे अर्थों में (और न जाने क्या - क्या) ले लेते हैं - और उसके ह्यूमर की ऐसी तैसी कर देते हैं!
    फिर भी, आप ह्यूमर लिखते रहें, हम आपसे वादा करते हैं कि सेंस पैदा कर ही लेंगे. :)

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  6. रचना जी से सहमत प्रसंगवश कुछ भी गलत नहीं होता.आप्रसंगिक बातों का क्या किया जाय यह बताइए उदहारण आपको दिखा ही है जहाँ आपने टिप्पणी की है

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  7. हाय! पसीने से तर-बतर लड़की का फोटो साथ रहा होता तो पोस्ट सम्पूर्ण होती!

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  8. हा हा ! पसीने से तर-बतर लड़की :-)

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  9. दरअसल सब कुछ फर्क एक्सपोसर का है ओर शायद हिंदी ब्लॉग जगत की सोच का.....पर आप जैसे युवा लोग जितने ज्यादा एक्टिव होगे ये द्रश्य भी जल्दी बदलेगा ...
    ओर हाँ अनुवाद धाँसू है.......किस्सों की तरह...

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  10. अच्छा है की आपको हिन्दी ब्लाग मे कोई ऐसी पोस्ट लिखने से घहबराहट हो रही थी
    मेरा मानना है कि ये ब्लाग जगत की दुनिया जितनी पाक साफ और ईमानदारी से पोस्ट लिखती है वो बनी रहनी चाहिए और हम सभी को उसका पालन करना चाहिए...!!

    आपका अनुवाद सुंदर और सटीक हैं!

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  11. अनूप शुक्ल जी कहते हैं मौज करो और जब हम मौज-मस्ती के लिए कुछ कहते हैं तो लोगों के तेवर चढ़ जाते हैं - का करे भैय्या:(

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  12. आपको गोरिल्‍ला बोलते हैं
    पर ज्‍यादा प्‍यार आए तो
    बोरिल्‍ला तो नहीं बोलते न।

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  13. बेहतरीन प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकारें

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  14. बेनामी3:55 pm

    I need to contact site admin urgently. Can you understand me?
    Hope for answer

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  15. बेनामी12:25 pm

    After seeing an good buddy going trough a tough moment due to a disease caused by using cigarettes I made it my personal mission to save as many others as is possible from the same exact experience, however quickly I realized that it doesn't matter how good your arguments are it's nearly impossible to make a smoker give up smoking, not because the actual arguments aren't good enough and not necessarily because the smoker is not willing to stop but merely because nicotine is really a even more addicting drug than heroin and also cocaine (scientifically confirmed).

    Next , I discovered that there is actually a way to quit smoking with out stopping smoking, so allow a smoker their pleasure and habit but preserve him from the dangerous effects of smoking cigarettes.

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    Chrissy M.

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