tag:blogger.com,1999:blog-8374019.post7082252751935716082..comments2023-11-03T03:28:51.383-06:00Comments on अंतर्ध्वनि: एक महबूबा की याद और फ़िर उसका मर्सिया !!!Neeraj Rohillahttp://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-45925835500674269402008-07-14T08:35:00.000-05:002008-07-14T08:35:00.000-05:00भईया हम तो अपने बच्चो के पुराने मोबाईल ले कर ही खु...भईया हम तो अपने बच्चो के पुराने मोबाईल ले कर ही खुश हो जाते हे, फ़िर उस मे सब से सस्ता प्रीपेड कार्ड डाला, ओर मोबाईल जेब मे रखा, साल मे एक या दो बार ही इस से बात करते हे, जब समय खत्म तो १० € फ़िर से ...<BR/>अजी शराबियो को बदनाम मत करो... कही बिल की जगह नशे मे मोबाईल ही तो नही दे दिया,शारबी तो बहुत सीधे साधे होते हे....:)राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-1460430213923432562008-07-14T01:39:00.000-05:002008-07-14T01:39:00.000-05:00हमको भी आपके महबूबा के खोने का बहुत दुःख है भाई :(...हमको भी आपके महबूबा के खोने का बहुत दुःख है भाई :( महबूबा को थोड़ा संभाल कर रखियेगा आगे से :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-2493095370913065522008-07-13T21:26:00.000-05:002008-07-13T21:26:00.000-05:00महबूबा को कहीं ऐसी लापरवाही से रखा जाता है। :) दूस...महबूबा को कहीं ऐसी लापरवाही से रखा जाता है। :) दूसरी पाने की बहाना तो नहीं :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-71678292368446174312008-07-13T20:09:00.000-05:002008-07-13T20:09:00.000-05:00हमारा तो अभी भी १५० मिनट और वीक ऐन्ड एंड इवनिंग फ्...हमारा तो अभी भी १५० मिनट और वीक ऐन्ड एंड इवनिंग फ्री है...पूरे १५० बेकार जाते हैं कभी दो तीन मिनट पत्नी इस्तेमाल कर लें तो बहुत आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-30274725921257775822008-07-13T19:51:00.000-05:002008-07-13T19:51:00.000-05:00च्च च्च! आपसे सहानुभूति है। आपमें अगर हाई-फाई फोन ...च्च च्च! आपसे सहानुभूति है। आपमें अगर हाई-फाई फोन से सच्ची आसक्ति है तो वह आपको देर सबेर मिलेगा ही। शोच न करें! <BR/>यह तो जिन्दगी है, इम्तहान लेती है - आसक्ति का!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8374019.post-63251434693177448252008-07-13T19:32:00.000-05:002008-07-13T19:32:00.000-05:00नया फोन मिल जाए तो जिगर से लगा कर रखियेगा।नया फोन मिल जाए तो जिगर से लगा कर रखियेगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com