बुधवार, दिसंबर 03, 2008

एक और हल्की फ़ुल्की पोस्ट !!!

बचपन में हमारे खेल आंगन और मोहल्ले/कालोनी की गलियों पर ही खेले जाते थे । और घरवालों की न-न के बावजूद इसे सबकी रजामंदी प्राप्त थी । शाम होते ही सब बच्चे अपने अपने घर से निकलकर और आस पडौस से बुलाकर टीम तैयार कर लेते थे । कुछ बच्चों के पापा खडूस थे तो किसी किसी बच्चे की मम्मी, ऐसे में पढने लिखने वाले सीधे शरीफ़ (अर्थात मैं) बच्चों को दूसरों के घर भेजा जाता था ।

हमारे प्रिय खेल थे, खो-खो, चोर सिपाही और अंधेरा हो जाने के बाद "आईस-पाईस" । सब इसे आईस-पाईस भी कहते थे तो हमने भी आईस-पाईस कहना शुरू कर दिया । इसमें एक बन्दे को बाकी छुपे अन्य बच्चों को खोजना होता था ।

पिछले महीने एक मीटिंग में गया तो वहाँ "आईस ब्रेकर अथवा परिचय" के दौरान एक चिट पर अपना नाम और अपना पसंदीदा टी.वी. शो लिखना था । लोगों से दुआ सलाम होते होते एक बुजुर्ग से सामना हुआ तो उनका पसंदीदा शो था "I Spy". मुझे थोडी हैरत हुयी तो उनसे बातचीत होने लगी । उन्होने बताया कि वो अब टी.वी. नहीं देखते लेकिन उनके बचपन (1970's) में टी.वी. पर बच्चों के लिये "I Spy" नाम का कार्यक्रम आता था । कार्यक्रम के बारे में पूछने पर पता चला कि ये तो हमारा खेल "आईस पाईस" ही था :-)

अभी मुम्बई हमलों के दौरान टी.वी. पर देखा कि "Black Clad" कमांडोज आपरेशन में लगे हुये हैं । तुरन्त दिमाग की घंटी बजी कि बचपन में इन्हे हम "Black Cat" कमांडोज कहते थे ।

क्या आपके साथ भी ऐसी कुछ यादें जुडी हुयी हैं ? अगर हाँ तो जरूर बतायें ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. अनेक यादें हैं ऐसी...
    अपनी यादें साझा करने का शुक्रिया...
    कभी लिखेंगे...आप छापेंगे ?

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  2. नीरज रोहिल्ला जी, एन एस जी के कमान्डोज़ ब्लैक कैट्स ही कहलाते हैं, किसी ने Black Clad कह दिया तो वह केवल विशेषण हो सकता है।
    विकीपीडिया पर एक लेख है, और अगर आप गुगल पर दोनों के बीच तुलनात्मक सर्च रेजल्ट देखें तो भी बात समझ मे आ जाती है।

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  3. यादें साझा करने का शुक्रिया...

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  4. मैं भी सोचता हूं कि ब्लैक कैट ही है।
    बाकी हिन्दी तो बहुत रोचक रूपान्तरण करती है। हुकुमसदर (Who comes there!) जैसे! :)

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  5. "आईस-पाईस" तो मुझे आज ही पता चला कि 'I Spy' है :-)

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  6. हम जो लिखे थे वो नहीं पढ़े क्या???

    http://udantashtari.blogspot.com/2007/09/blog-post_10.html

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